श्रमवीरों की कॉलोनियों में एनुअल मेंटेनेंस बना भ्रष्टाचार का अड्डा

उमरिया ब्यूरो चीफ राहुल शीतलानी
नौरोजाबाद। एसईसीएल जोहिला एरिया में कार्यरत श्रमवीरों की आवासीय कॉलोनियों — जीएम कंप्लेक्स और विंध्याकॉलोनी — में वार्षिक रखरखाव (एनुअल मेंटेनेंस) के नाम पर भारी भ्रष्टाचार का खेल चल रहा है। सूत्रों की मानें तो करोड़ों रुपये के ठेके मिलने के बावजूद मेंटेनेंस का काम केवल खानापूर्ति तक सीमित है।
वार्षिक रखरखाव के तहत ठेकेदार को दो साल की अवधि के लिए कॉलोनियों के आवासों की मरम्मत, रंगरोगन, फर्शीकरण, खिड़की-दरवाजों की मरम्मत या बदलाव, शौचालय-स्नानघर की दुरुस्ती और नालियों की सफाई जैसे कार्य करने होते हैं। लेकिन हकीकत यह है कि पिछले एक साल से काम कर रहे ठेकेदार ने अब तक कोई ठोस सुधार नहीं किया।
कॉलोनियों में रहने वाले श्रमवीरों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ठेकेदार द्वारा घटिया क्वालिटी की सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। फर्श निर्माण में निकृष्ट रेत, दरवाजों और खिड़कियों में अधूरा सुधार और रंगरोगन में सस्ती सामग्री के इस्तेमाल की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं।
सूत्रों के अनुसार एनुअल मेंटेनेंस के नाम पर स्वीकृत राशि का बंदरबांट किया जा रहा है। ठेकेदार और संबंधित अधिकारी केवल कागजों में काम दिखाकर श्रमवीरों के अधिकारों और उनकी सुविधा की अनदेखी कर रहे हैं।
👉 सवाल यह है कि श्रमवीरों के पसीने की कमाई से चलने वाले संस्थान में, उन्हीं के रहने की कॉलोनियों को बदहाली से कब निजात मिलेगी?