न्यायालय का आदेश: अब लावारिस वाहन भी संबंधित न्यायालय से रिलीज कराए जा सकेंगे

सब तक एक्सप्रेस/बरेली।
बरेली। लावारिस वाहन को लेकर एक महत्वपूर्ण आदेश सामने आया है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, कक्ष संख्या-5, बरेली की अदालत ने स्पष्ट किया है कि लावारिस पाए जाने वाले वाहन भी संबंधित न्यायालय से रिलीज कराए जा सकते हैं। अदालत ने यह निर्णय दयाशंकर पाण्डेय बनाम राजेन्द्र प्रसाद सिंह 1988 (25) एससीसी 313 केस के तहत सुनाया है।
मामला थाना सीबीगंज, बरेली से जुड़ा है। यहां पुलिस द्वारा एक ट्रैक्टर-ट्रॉली को कागजात न होने के कारण जब्त किया गया था और उसे थाने में खड़ा कर दिया गया था। वाहन स्वामी ने इसे अपनी कृषि कार्य हेतु आवश्यक बताते हुए न्यायालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया।
अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि वाहन मालिक ने पंजीकरण प्रमाणपत्र और अन्य आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत कर दिए हैं। इसके बाद अदालत ने आदेश पारित करते हुए कहा कि—
📌 “मजिस्ट्रेट न्यायालय को ऐसी संपत्तियों पर नियंत्रण का आदेश पारित करने का वैधानिक अधिकार है, जो किसी अपराध से संबंधित हों या जिन्हें पुलिस द्वारा लावारिस स्थिति में रखा गया हो।”
अदालत ने थाना प्रभारी सीबीगंज को निर्देशित किया कि संबंधित वाहन किसी अन्य मुकदमे में वांछित न होने पर उसे विधिक शर्तों के अधीन याचिकाकर्ता को सुपुर्द किया जाए। साथ ही यह भी कहा गया कि यदि भविष्य में वाहन पर किसी अन्य व्यक्ति का दावा आता है तो वह न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होगा।
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- अब लावारिस वाहनों की रिलीज़ संबंधित न्यायालय से संभव।
- वाहन स्वामी को दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
- आदेश 1988 (25) एससीसी 313 दयाशंकर पाण्डेय बनाम राजेन्द्र प्रसाद सिंह मामले के तहत दिया गया।