नवरात्र में भी उपेक्षा का शिकार कुंडवासिनी धाम, श्रद्धालुओं में आक्रोश

✍️ वरिष्ठ संवाददाता: राम अनुज धर द्विवेदी
सब तक एक्सप्रेस
घोरावल, सोनभद्र।
स्थानीय विधानसभा क्षेत्र स्थित प्रसिद्ध कुंडवासिनी धाम नवरात्रि जैसे पावन अवसर पर भी अव्यवस्थाओं से जूझ रहा है। श्रद्धालुओं ने बताया कि प्रशासनिक लापरवाही और सुविधाओं के अभाव के कारण यहां पूजा-अर्चना के लिए आने वाले भक्तों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मंदिर परिसर में लगी हार्ड मास्क लाइट केवल शोपीस बनकर रह गई है। रात में अंधेरा छाया रहता है और विद्युत व्यवस्था भी नाकाफी है। वहीं ग्राम पंचायत द्वारा बनाए गए सार्वजनिक शौचालय जर्जर हो चुके हैं। पानी, लाइट और साफ-सफाई के अभाव में श्रद्धालुओं, खासकर महिलाओं को गंभीर दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
कुड़ारी मंदिर सेवा समिति के अध्यक्ष अभिमन्यु गिरी ने कहा कि मां कुंडवासिनी धाम में प्रतिवर्ष भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। इस बार सोन नदी का पुल चालू होने के कारण अष्टमी और नवमी को बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। लेकिन प्रशासन की अनदेखी से धाम में अव्यवस्था बनी हुई है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, मां कुंडवासिनी की प्रतिमा कुंडवा नाले से निकली थी। कहा जाता है कि तत्कालीन राजा बालेंद्र शाह के स्वप्न में मां ने अपनी महिमा का दर्शन कराया, जिसके बाद प्रतिमा को हाथी पर रखकर ले जाया जा रहा था। लेकिन वर्तमान कुड़ारी गांव में हाथी रुक गया और वहीं मां की प्रतिमा को स्थापित कर दिया गया। तब से यह स्थान धार्मिक आस्था का केंद्र है।
पत्थर से निर्मित यह प्राचीन मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला और रहस्यमयी इतिहास के कारण विशेष महत्व रखता है। लेकिन वर्तमान समय में यहां की उपेक्षा ने भक्तों में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। श्रद्धालुओं ने मांग की है कि नवरात्रि जैसे अवसर पर प्रशासन तत्काल सुविधाओं की बहाली सुनिश्चित करे।