सिर्फ़ रोज़ाना 10 मिनट की पैदल चाल ही आपको फिट रखेगी | रोज़ाना केवल 10 मिनट चलें: ये 5 पैदल चलने के फायदे…

हम पूरे दिन एक ही प्रकार से चलते हैं… सीधे, सपाट और तेज। लेकिन इस प्रकार की चाल के कारण समय के साथ मांसपेशियाँ और जोड़ कमजोर हो जाते हैं। विशेष रूप से ४० वर्ष की आयु के बाद पीठ, पिंडलियों और कमर की मांसपेशियों में पर्याप्त गति नहीं रहती और जोड़ कठोर हो जाते हैं।
यदि आपके पास व्यायाम करने या जिम जाने का समय नहीं है, तो इन पाँच प्रकार की चलनों में से केवल १० मिनट ही आपके संतुलन, मुद्रा और लचीलापन को सुधार सकते हैं। इसे रोजाना अपने शरीर के लिए मल्टीविटामिन लेने के समान मानें।
१. पैरों की उंगलियों पर चलना (ताड़ासन) – १ मिनट
पैरों की उंगलियों पर चलते हुए एड़ी उठाएँ। छाती सीधी रखें, आँखें सामने की ओर रखें और हाथ ढीले रखें। इससे पैर और पीठ की मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं और झुकने की प्रवृत्ति कम होती है। ध्यान रखें कि आगे झुकने और घुटनों को टेकने की गलती न हो। इसे करने का सरल तरीका यह है कि दीवार या रसोई के काउंटर से हल्का सहारा लें।
२. एड़ी पर चलना – १ मिनट
पैर की उंगलियों को ऊँचा रखते हुए छोटी-छोटी एड़ी की चाल चलें। इससे मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं, घुटनों पर नियंत्रण बढ़ता है और फिसलने का खतरा कम होता है। सुनिश्चित करें कि पैरों की उंगलियाँ नीचे न गिरें और घुटने पीछे की ओर न झुकें। सबसे सरल तरीका यह है कि पहले १० कदम एड़ी पर चलें और फिर १० कदम सामान्य चाल में।
३. हिप रोटेशन वॉक – १ मिनट
आगे बढ़ें, घुटना ऊपर उठाएँ और पैर को कूल्हे से बाहर की ओर छोटे वृत्त में रखें। इससे कमर की कठोरता कम होती है, पीठ के निचले हिस्से को आराम मिलता है और आपकी चाल लंबी होती है। वृत्त छोटे और नियंत्रित रखें और शरीर को सीधा रखें।
४. साइड-टू-साइड वॉक (हाफ स्क्वाट) – १ मिनट
हल्के झुके हुए पैरों पर बैठें, पीठ और छाती सीधी रखें और घुटनों को ३० से ४५ डिग्री तक मोड़ें। अब दाईं ओर, फिर बाईं ओर कदम रखें। इससे कूल्हे और कमर स्थिर करने वाली मांसपेशियाँ (ग्लूट मीडियस) सक्रिय होती हैं। इससे सीढ़ियाँ या असमान सतह पर स्थिरता बढ़ती है। सुनिश्चित करें कि घुटने पैरों की उंगलियों के समानांतर हों।
५. उल्टी दिशा में चलना (पीछे चलना) – २-५ मिनट
सीधे खड़े हों, कंधों की ओर पीछे देखें और छोटे-छोटे कदम पीछे लें। इससे संतुलन और समन्वय बढ़ता है, घुटनों पर दबाव कम होता है और जांघ की अंदरूनी मांसपेशियाँ (वास्टस मीडियालिस) मजबूत होती हैं। सुरक्षित रहने के लिए खाली और खुला मार्ग चुनें और जरूरत पड़ने पर सहारा लें।
इसे कब करें?
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आप इसे सुबह और शाम छोटे-छोटे समयांतराल में कर सकते हैं।
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यह जिम सत्र या बाहर चलने के लिए भी एक अच्छा आधार है।
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यह सामान्य चाल के दौरान ढीली मांसपेशियों को प्रशिक्षित करने में मदद करता है।
सावधानियाँ
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इसे फिसलन रहित सतह या सपाट जूते पहनकर करें।
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यदि आपको घुटने/घोड़े में दर्द हो, चक्कर आए या हाल ही में शल्यक्रिया हुई हो, तो डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट की सलाह लें।
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मांसपेशियों में हल्की गर्माहट महसूस होना सामान्य है; यदि तीव्र दर्द हो, तो तुरंत रुकें।