
घोरावल, सोनभद्र | वरिष्ठ संवाददाता – राम अनुज धर द्विवेदी, सब तक एक्सप्रेस
स्थानीय ब्लॉक क्षेत्र के ओदार गांव में गुरुवार की रात्रि को आयोजित श्री राघवेंद्र रामलीला कमेटी द्वारा भव्य धनुष यज्ञ के साथ तीन दिवसीय रामलीला का समापन हुआ। अंतिम दिन के मंचन में महाराजा जनक की प्रतिज्ञा, शिव धनुष भंग और सीता स्वयंवर का जीवंत चित्रण हुआ, जिसे देखकर दर्शक भाव-विभोर हो उठे।
मंचन की शुरुआत महाराजा जनक की घोषणा से हुई कि “जो वीर शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, वही सीता का वरण करेगा।” देश-विदेश से आए असंख्य वीरों ने प्रयास किया, पर कोई सफल न हो सका। इसी दौरान गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से श्रीराम मंच पर आए और सहजता से शिव धनुष को उठा लिया। जैसे ही उन्होंने प्रत्यंचा चढ़ाई, धनुष दो टुकड़ों में टूट गया। उसी क्षण पूरा पंडाल ‘जय श्रीराम’ और ‘जय सिया राम’ के नारों से गूंज उठा।
इसके पश्चात माता सीता ने श्रीराम को वरमाला पहनाई। तभी क्रोध से भरकर भगवान परशुराम का आगमन हुआ, जिनका लक्ष्मण के साथ संवाद मंचन का विशेष आकर्षण रहा। श्रीराम के मधुर शब्दों से परशुराम शांत हुए और आशीर्वाद देकर चले गए।
इस रामलीला में श्रीराम की भूमिका शिवम त्रिपाठी, लक्ष्मण की भूमिका आयुष सिंह, तथा अन्य पात्रों में मयंक त्रिपाठी, संदीप विश्वकर्मा, हर्षित विश्वकर्मा, धर्मेंद्र विश्वकर्मा, अनुराग सिंह, अजय त्रिपाठी, विजय सिंह आदि ने अपनी कला से दर्शकों का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के दौरान पंडाल जयघोषों और भक्तिमय वातावरण से गूंजता रहा। आयोजन में सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे और रामलीला के इस अद्भुत मंचन की सराहना की।



