रसूलपुर ग्राम पंचायत में मनरेगा कार्यों पर उठे सवाल, पारदर्शिता पर संदेह गहराया

सीतापुर, 27 अक्टूबर 2025 | सब तक एक्सप्रेस
सीतापुर जनपद के विकास खंड परसेंडी की ग्राम पंचायत रसूलपुर में मनरेगा योजना के अंतर्गत हो रहे कार्यों की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि यहां कागजों पर कार्य दिखाकर सरकारी धन का दुरुपयोग किया जा रहा है, जबकि स्थल पर वास्तविक स्थिति इसके विपरीत है।
ग्रामीणों के अनुसार, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का उद्देश्य ग्रामीणों को रोजगार देना है, मगर रसूलपुर में यह योजना कागजी खानापूर्ति तक सीमित नजर आ रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रधान, सचिव और रोजगार सेवक की मिलीभगत से मजदूरों की उपस्थिति बढ़ा-चढ़ाकर दर्शाई जा रही है। बताया गया कि कई बार एक ही फोटो को बार-बार अपलोड कर आंकड़े फर्जी तरीके से बढ़ाए गए हैं।
स्थानीय मजदूरों ने बताया कि वास्तविक रूप से बहुत कम लोग कार्यस्थल पर काम कर रहे हैं, जबकि रिकॉर्ड में बड़ी संख्या दिखाई जाती है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ कार्य तो केवल कागजों में पूरे दिखाए जा रहे हैं, जिससे पारदर्शिता पर गंभीर प्रश्न उठ रहे हैं।
ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि समय रहते जांच नहीं की गई तो योजना का वास्तविक लाभ पात्र मजदूरों तक नहीं पहुँच पाएगा और मनरेगा की मूल भावना समाप्त हो जाएगी।
अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है, या फिर यह योजना भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर अपने उद्देश्य से भटक जाएगी।



