लखनऊ में दो लाख की रिश्वत लेते रंगेहाथ पकड़ा गया चौकी इंचार्ज, गैंगरेप केस से नाम हटाने के लिए मांगी थी रकम

ब्यूरो रिपोर्ट
सब तक एक्सप्रेस, लखनऊ
लखनऊ।
राजधानी लखनऊ में खाकी पर एक और दाग लग गया है। एंटी करप्शन टीम ने पेपर मिल चौकी इंचार्ज धनंजय सिंह को बुधवार रात दो लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया। आरोप है कि चौकी इंचार्ज ने गैंगरेप केस में आरोपी कोचिंग संचालक का नाम हटाने के लिए यह रिश्वत मांगी थी।
📌 क्या है पूरा मामला
पेपर मिल पुलिस चौकी, जो महानगर थाने के अंतर्गत आती है, में एक युवती ने कुछ लोगों पर गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले में कोचिंग संचालक प्रतीक गुप्ता का भी नाम शामिल था। प्रतीक ने खुद को निर्दोष बताते हुए कहा कि चौकी प्रभारी ने मामले की विवेचना के नाम पर पहले ₹5 लाख की मांग की, जो बाद में ₹2 लाख में तय हुई।
प्रतीक ने रिश्वत मांगने की शिकायत एंटी करप्शन विभाग से की। विभाग ने सटीक योजना बनाकर जाल बिछाया और बुधवार रात करीब 8 बजे धनंजय सिंह को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। गिरफ्तारी के दौरान आरोपी चौकी इंचार्ज ने बचने की कोशिश की, लेकिन एंटी करप्शन टीम ने उसे मौके से ही पकड़कर हिरासत में ले लिया।
🗣️ कोचिंग संचालक का बयान
प्रतीक गुप्ता ने बताया कि उनके यहां काम करने वाली एक युवती ने चार महीने पहले नौकरी छोड़ी थी। बाद में उसी युवती ने उन पर गैंगरेप का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया। प्रतीक का कहना है कि “मामले में मुझे फंसाकर 50 लाख रुपये की मांग की गई थी। मैंने 10 लाख देने की बात कही, लेकिन आरोपियों ने कहा कि 50 लाख पूरे होने पर लड़की का बयान बदलवा देंगे।”
इसके बाद दरोगा धनंजय सिंह ने भी केस से नाम हटाने के लिए रिश्वत मांगी, जिसकी शिकायत प्रतीक ने एंटी करप्शन विभाग में कर दी।
⚖️ कार्रवाई
एंटी करप्शन टीम ने अलीगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराकर चौकी इंचार्ज को पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी दरोगा धनंजय सिंह आजमगढ़ जिले के कबा मेहनाजपुर का निवासी है और वर्तमान में गोमतीनगर विस्तार में रह रहा था।
इस कार्रवाई से राजधानी के पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है।



