
2016 में भारतीय शेयर बाजार का मार्केट कैप जीडीपी का 69% था, जो अब बढ़कर 134% पर पहुँच गया है। इसमें उतार-चढ़ाव आते रहते हैं, लेकिन यह 130% से ऊपर ही है। डीमैट अकाउंट की संख्या 20 करोड़ पार कर चुकी है और यूनिक निवेशकों की संख्या 2019 के 3.8 करोड़ से बढ़कर 13.5 करोड़ हो गई है। नई पीढ़ी तकनीक से जुड़ी है और फिनटेक कंपनियों ने भी बाजार को मजबूत किया है। इसी वजह से मार्केट लगातार बड़ा होता जा रहा है।
SEBI Chairman Tuhin Kanta Pandey: सेबी चेयरमैन तुहिन कांड पांडे ने दैनिक जागरण से एक्सक्लूसिव बातचीत की। उन्होंने बताया कि कोरोना काल के बाद निवेश के लिए बाजार में निवेशकों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इसे लेकर सेबी, निवेशकों की सुरक्षा के लिए कई कदम उठा रहा है, जिसमें यूपीआई भुगतान प्रणाली और सारथी एप शामिल हैं। पढ़िए बातचीत के मुख्य अंश:
HighLights
निवेशकों की संख्या में चार गुना इजाफा
सेबी ने सारथी एप लांच किया
साइबर सुरक्षा के लिए मजबूत टीम
प्रश्न: अभी सूचीबद्ध कंपनियों का जो मार्केट कैपिटलाइजेशन (बाजार पूंजीकरण) है, यह ऐतिहासिक ऊंचाई पर है। क्या निवेशकों को ऐसी स्थिति में सावधान रहने की जरूरत है या जो गैर सूचीबद्ध कंपनियां हैं, उनकी सहभागिता बढ़ेगी तो बाजार धीरे-धीरे ठीक आ जाएगा, आप इसे कैसे देखते है?
उत्तर: देखिए, यदि हम आंकड़ों की बात करें तो वर्ष 2016 में जो मार्केट कैपिटलाइजेशन था वह जीडीपी का 69 प्रतिशत था जो अब 134 प्रतिशत है। यह थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे होता रहता है, लेकिन हम कह सकते हैं कि यह 130 प्रतिशत से ऊपर है। डीमैट की संख्या तो अभी 20 करोड़ से अधिक है, नए निवेशक (यूनिक इंवेस्टर्स) की संख्या 13.5 करोड़ करोड़ हो चुकी है जो वर्ष 2019 में 3.8 करोड़ थी। बाजार में नई पीढ़ी आई है जो बहुत ही सजग है। वह टेक्नोलाजी से वाकिफ है और फिनटेक ने भी इंडस्ट्री को बढ़ाने में मदद की है। इससे बाजार का आकार लगातार बढ़ रहा है।



