“वैश्विक सभ्यता का केंद्र भारतीय धरोहर” विषय पर विशेष व्याख्यान
विश्व धरोहर सप्ताह पर राज्य संग्रहालय व पुरातत्व विभाग ने आयोजित किया कार्यक्रम

विशेष संवाददाता : शैलेन्द्र यादव, सब तक एक्सप्रेस
लखनऊ। विश्व धरोहर सप्ताह के उपलक्ष्य में राज्य संग्रहालय, लखनऊ एवं उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व निदेशालय (संस्कृति विभाग) के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को “वैश्विक सभ्यता का केंद्र भारतीय धरोहर” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार डॉ. रहीस सिंह रहे, जिन्होंने अपने विद्वत्तापूर्ण वक्तव्य से उपस्थित जनों को भारतीय धरोहर की महत्ता से रूबरू कराया।
धरोहर हमारी संपदा और आत्मा : डॉ. रहीस सिंह
अपने संबोधन में डॉ. रहीस सिंह ने कहा कि धरोहर केवल इतिहास नहीं, बल्कि वह जीवित संस्कृति है, जिसमें हम जीते हैं।
उन्होंने कहा कि—
- धरोहर हमारी प्राचीनता और आधुनिकता का संगम है।
- यह हमारी सांस्कृतिक विरासत और परंपराओं का आधार है।
- विरासत की पीड़ा को समझते हुए हमें इसे भविष्य पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखना चाहिए।
उन्होंने भारतीय धरोहर को वैश्विक सभ्यता के विकास में केंद्रबिंदु बताते हुए कहा कि भारत की संस्कृति, दर्शन, कला, स्थापत्य और ज्ञान परंपरा ने विश्व को समृद्ध किया है।
संग्रहालय और पुरातत्व विभाग की पहल
कार्यक्रम में डा. सृष्टि धवन, निदेशक, उत्तर प्रदेश संग्रहालय निदेशालय ने बताया कि धरोहर संरक्षण के प्रति समाज में जागरूकता बढ़ाने हेतु संग्रहालय द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों का व्यापक स्तर पर आयोजन किया जा रहा है।
वहीं रेनू द्विवेदी, निदेशक, उत्तर प्रदेश राज्य पुरातत्व विभाग ने विश्व धरोहर सप्ताह मनाने के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारतीय धरोहर के संरक्षण के लिए समाज की सामूहिक जागरूकता आवश्यक है।
कार्यक्रम संचालन एवं धन्यवाद
कार्यक्रम का संचालन डॉ. मीनाक्षी खेमका, सहायक निदेशक द्वारा किया गया।
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. विनय कुमार सिंह, निदेशक, राज्य संग्रहालय, लखनऊ ने किया।
छात्र-छात्राओं की उत्साहपूर्ण भागीदारी
इस अवसर पर नेशनल पीजी कॉलेज, खुन खुन जी गर्ल्स डिग्री कॉलेज सहित विभिन्न संस्थानों के छात्र-छात्राओं और इतिहास प्रेमियों ने बड़ी संख्या में सहभागिता की।
प्रमुख उपस्थितजन
कार्यक्रम में राम विनय, अलशाज फातमी, डॉ. अनीता चौरसिया, धनंजय राय, प्रमोद कुमार, शशिकला राय, गायत्री गुप्ता, राहुल सैनी, बलिहारी सेठ सहित अन्य गणमान्यजन उपस्थित रहे।
भारतीय धरोहर के संरक्षण और संवर्धन पर केंद्रित यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायी सिद्ध हुआ।



