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भारत-अमेरिका ने व्यापार समझौते से जुड़े मुद्दों पर की चर्चा, जानें वार्ता के पहले दिन क्या कुछ हुआ

भारत और अमेरिका ने बुधवार को आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रस्तावित व्यापार समझौते पर जारी बातचीत की समीक्षा की। दोनों देशों के बीच यहां शुरू …और

HighLights

  1. वाणिज्य सचिव ने अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर से मुलाकात की
  2. द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर जारी बातचीत भी पटरी से उतर गई

 भारत और अमेरिका ने बुधवार को आर्थिक संबंधों को मजबूत करने के लिए प्रस्तावित व्यापार समझौते पर जारी बातचीत की समीक्षा की।

दोनों देशों के बीच यहां शुरू हुई दो-दिवसीय वार्ता एक परस्पर लाभकारी व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए हो रही है। वार्ता के पहले दिन वाणिज्य सचिव राजेश अग्रवाल ने अमेरिका के उप व्यापार प्रतिनिधि रिक स्विट्जर से मुलाकात की।

वाणिज्य विभाग ने इंटरनेट मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, दोनों पक्षों ने भारत-अमेरिका व्यापार एवं आर्थिक संबंधों से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श किया। इसमें एक पारस्परिक रूप से लाभकारी द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत भी शामिल है।

यह वार्ता 11 दिसंबर को खत्म होगी।

यह बातचीत इस लिहाज से अहम है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी बाजारों में प्रवेश करने वाले भारतीय उत्पादों पर अगस्त से ही 50 प्रतिशत का भारी शुल्क लगा दिया है।

भारतीय उद्योग और निर्यातक इस बातचीत के नतीजों और किसी समझौते की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि ऊंचे आयात शुल्क अमेरिका को होने वाले उनके निर्यात को नुकसान पहुंचा रहे हैं।

इसके बाद द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर जारी बातचीत भी पटरी से उतर गई। हालांकि शीर्ष नेतृत्व की पहल से यह फिर से शुरू हो गई थी लेकिन अभी तक समझौते के शुरुआती चरण को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है।

भारत से अब तक सबसे अच्छे प्रस्ताव मिले

अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) जेमिसन ग्रीर ने कहा है कि दोनों देशों के बीच यहां दो-दिवसीय बातचीत शुरू होने के बीच अमेरिका को प्रस्तावित व्यापार समझौते पर भारत से अब तक के सबसे अच्छे प्रस्ताव मिले हैं।

मंगलवार को वाशिंगटन में सीनेट की उपसमिति के सामने ग्रीर ने कहा कि जिस तरह के प्रस्तावों के बारे में वे हमसे बात कर रहे हैं..वे अब तक के सबसे अच्छे प्रस्ताव हैं, जो हमें एक देश के तौर पर मिले हैं, इसलिए मुझे लगता है कि यह एक व्यवहार्य वैकल्पिक बाजार है।

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