अवधी जितनी समृद्ध होगी, उतना ही देश का विकास होगा : पवन सिंह चौहान

सब तक एक्सप्रेस
विशेष संवाददाता : शैलेन्द्र यादव
👉 डॉ. राम बहादुर मिश्र को समर्पित अवधी ग्रंथ ‘अवध–अवधी : विविध संदर्भ’ का हुआ विमोचन
👉 राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में अवधी समारोह–2025 का भव्य आयोजन
लखनऊ। “अवधी भाषा जितनी समृद्ध होगी, देश का विकास भी उतना ही आगे बढ़ेगा। अवधी केवल बोली नहीं, यह भारतीय संस्कृति की गौरवशाली विरासत है। भगवान राम और भगवान बुद्ध जैसे महापुरुषों की यह पावन धरती रही है।”
यह विचार विधान परिषद सदस्य पवन सिंह चौहान ने उ.प्र. साहित्य सभा के अवधी प्रकोष्ठ द्वारा राय उमानाथ बली प्रेक्षागृह में आयोजित अवधी समारोह–2025 में मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। उन्होंने अवधी के प्रख्यात कवि चंद्रभूषण त्रिवेदी ‘रमई काका’ को भी श्रद्धापूर्वक याद किया और कहा कि भविष्य में विश्वविद्यालयों में अवधी का स्वतंत्र विभाग स्थापित किया जाएगा।
ग्रंथ ‘अवध–अवधी : विविध संदर्भ’ का विमोचन
समारोह की अध्यक्षता कर रहीं पद्मश्री विद्या बिंदु सिंह ने विमोचित ग्रंथ की सराहना करते हुए कहा कि डॉ. राम बहादुर मिश्र अवधी के सबसे समर्पित साहित्य साधकों में से हैं, जो अवधी आन्दोलन के ध्वजवाहक के रूप में काम कर रहे हैं।
ग्रंथ के प्रबंध सम्पादक इं. रमाकांत ‘रामिल’ ने इसे अवधी का इंसाइक्लोपीडिया बताते हुए कहा कि पुस्तक में अवधी भाषा-साहित्य से जुड़ी अमूल्य सामग्री संकलित है।
शोध सम्पादक डॉ. शिवप्रकाश अग्निहोत्री ने इसे अवधी की सांस्कृतिक और बौद्धिक विरासत का महत्त्वपूर्ण दस्तावेज बताया।
अवधी साहित्य के समकालीन स्वरूप पर चर्चा
डॉ. राम बहादुर मिश्र ने कहा कि समकालीन अवधी साहित्य लगातार विस्तार प्राप्त कर रहा है और कहानी, उपन्यास, नाटक से लेकर गीत, गजल और हाइकु तक सभी विधाओं में सृजन हो रहा है।
भाषा विश्वविद्यालय के भाषा समन्वयक डॉ. नीरज शुक्ला ने अवधी शोध पीठ की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि विश्वविद्यालय जल्द ही अवधी डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू करेगा।
नेपाल से आए अवधी शोधकर्ताओं ने नेपाल में अवधी की स्थिति और संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
Program Highlights (कार्यक्रम की मुख्य झलकियाँ)
- चार सत्रों में आयोजित हुआ अवधी समारोह
- आठ संस्थाओं की सहभागिता—अवध भारती, अवधी विकास संस्थान, अवधी साहित्य संस्थान अमेठी आदि
- उद्घाटन सत्र का संचालन – प्रदीप सारंग
- आभार प्रदर्शन – प्रो. अर्जुन पाण्डेय
- ‘विचार सभा’ में विषय प्रवर्तन – नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान
- अवधी कवि सम्मेलन में अम्मा, गंगा और अन्य काव्य प्रस्तुतियाँ
- सांस्कृतिक संध्या का संयोजन और संचालन – लोकगायिका कुसुम वर्मा (कल्चर दीदी)
कार्यक्रम में नेपाल के साहित्यकार कृष्णा पांडेय, डॉ. हरिप्रसाद तिमिर सीना, वरिष्ठ कवि अशोक अज्ञानी, संदीप अनुरागी, अनीस देहाती, अजय प्रधान, सूर्य प्रसाद शर्मा निशिहर सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार उपस्थित रहे।



