लाखों प्रवासी फ्लेमिंगो ने सांभर झील को खूबसूरत गुलाबी रंग में बदल दिया।

राजस्थान की विश्व प्रसिद्ध सांभल साल्ट लेक इन दिनों ‘गुलाबी समंदर’ में तब्दील हो गई है। हजारों प्रवासी फ्लेमिंगो (Flamingos) पक्षियों के आगमन ने इस विशाल झील को ‘गुलाबी समंदर’ का रूप दे दिया है, जो पक्षी प्रेमियों और पर्यटकों को बड़ी संख्या में अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
सेंट्रल एशियन फ्लाईवे के साथ सालाना माइग्रेशन ने जयपुर के पास झील में बहुत ज्यादा संख्या में फ्लेमिंगो को ला दिया है, जिससे इसका कम गहरा खारा पानी एक शानदार नजारा बन गया है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इस साल अनुकूल परिस्थितियां हैं, जिनमें पानी का अच्छा स्तर और भोजन की प्रचुरता शामिल है, जिसने बड़ी संख्या में झुंडों को झील में बसने के लिए प्रोत्साहित किया है।
यह ग्रेटर और लेसर फ्लेमिंगो दोनों के लिए एक खास स्टॉपओवर और सर्दियों की जगह है, जो इस हैबिटैट तक पहुंचने के लिए लंबी दूरी तय करते हैं। लगभग 240 स्क्वायर किलोमीटर में फैली यह झील रूस, साइबेरिया और मंगोलिया जैसे देशों से विदेशी पक्षियों को आकर्षित करती है।
पर्यटन और प्रकृति का संगम
सांभर झील का गुलाबी नजारा पर्यटन और प्रकृति के सुंदर संगम का उदाहरण है। हजारों फ्लेमिंगो जब एक साथ उड़ान भरते हैं, तो आसमान भी गुलाबी रंग में रंगा नजर आता है। यह दृश्य पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
स्थानीय लोगों के लिए भी यह समय खास होता है, क्योंकि पर्यटन बढ़ने से रोजगार के अवसर पैदा होते हैं। गाइड, होटल, परिवहन और हस्तशिल्प से जुड़े लोगों को लाभ मिलता है।
विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि झील के संरक्षण पर ध्यान दिया जाए, तो यह क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बर्ड टूरिज्म का बड़ा केंद्र बन सकता है।



