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आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट का दो-दिवसीय चौथा राष्ट्रीय अधिवेशन सम्पन्न
नई दिल्ली। आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट (AIPF) का दो-दिवसीय चौथा राष्ट्रीय अधिवेशन नई दिल्ली स्थित सुरजीत भवन में सम्पन्न हुआ। अधिवेशन में देशभर से आए सामाजिक संगठनों, जन आंदोलनों और राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता विभिन्न जनसंगठनों के प्रतिनिधियों ने संयुक्त रूप से की, जबकि संचालन गांधीवादी आचार्य शुभमूर्ति ने किया।
अधिवेशन को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष एस. आर. दारापुरी ने कहा कि देश में मौजूदा हालात में हिंदुत्व–कॉरपोरेट गठजोड़ के कारण लोकतंत्र, सामाजिक न्याय और संवैधानिक मूल्यों पर गंभीर संकट उत्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा कि इसके विरुद्ध एक व्यापक साझा राजनीतिक मंच का निर्माण समय की सबसे बड़ी आवश्यकता है।
अध्यक्ष मंडल के सदस्य प्रो. अरुण कुमार ने आर्थिक न्याय, रोजगार, आजीविका, युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण को राष्ट्रीय एजेंडे के केंद्र में रखने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कृषि, एमएसएमई और अत्यधिक संपत्ति पर न्यायसंगत कराधान के माध्यम से संसाधनों के पुनर्वितरण के लिए राष्ट्रव्यापी पहलों की आवश्यकता है।
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने रोजगार के सवाल पर देशव्यापी संयुक्त अभियान चलाने की आवश्यकता बताते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित आर्थिक परिवर्तन से नौकरियों और संसाधन वितरण को लेकर नई वैश्विक चुनौतियां सामने आ रही हैं, जिनसे निपटने के लिए संगठित प्रयास जरूरी हैं।
संस्थापक सदस्य अखिलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि हिंदुत्व की राजनीति और वैश्विक कॉरपोरेट पूंजी का गठजोड़ लोकतांत्रिक संस्थाओं और सामाजिक न्याय की बुनियाद को कमजोर कर रहा है। उन्होंने विपक्षी दलों और जनसंगठनों से अपील की कि लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए एकजुट होकर संघर्ष किया जाए।
अधिवेशन के दौरान प्रकाश करात, एस.पी. शुक्ला और प्रेम कुमार मणि द्वारा शुभकामना संदेश भेजे गए। विभिन्न राज्यों से आए प्रतिनिधियों ने जन आंदोलनों के अनुभव साझा किए और वर्षभर राष्ट्रीय स्तर पर संगठित पहलकदमी चलाने पर सहमति जताई।
नया राष्ट्रीय नेतृत्व घोषित
अधिवेशन के अंतिम सत्र में संगठन का नया नेतृत्व चुना गया—
- राष्ट्रीय अध्यक्ष: एस. आर. दारापुरी
- महासचिव: डॉ. राहुल दास
- संगठन महासचिव: कशु शुभमूर्ति
- उपाध्यक्ष: नसीम खान, विजय सिंह
- राष्ट्रीय सचिव: पुष्पा उरांव, सविता गोंड, अमृता, अमर सिंह
- कोषाध्यक्ष: दिनकर कपूर
- कार्यालय सचिव: सुरेश चंद्र बिंद
साथ ही 43 सदस्यीय राष्ट्रीय समिति, 19 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यसमिति और एक सलाहकार मंडल का गठन भी किया गया।
अधिवेशन में यह संकल्प लिया गया कि—
- हिंदुत्व–कॉरपोरेट गठजोड़ के विरुद्ध व्यापक लोकतांत्रिक मंच का निर्माण किया जाएगा।
- युवाओं, श्रमिकों, किसानों, महिलाओं, दलित–पिछड़े और उपेक्षित समुदायों के अधिकारों को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाया जाएगा।
- रोजगार, सामाजिक अधिकार, लोकतांत्रिक संस्थाओं की रक्षा और आर्थिक न्याय के मुद्दों पर आने वाले वर्ष में देशव्यापी अभियान चलाया जाएगा।
अधिवेशन का समापन आचार्य शुभमूर्ति के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
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