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मंगल पांडे की बंदूक और पानीपत युद्ध की तोप पहली बार दिल्ली में प्रदर्शित

दिल्ली शंखनाद महोत्सव में ‘शौर्य’ और ‘श्रद्धा’ का अद्वितीय संगम

सब तक एक्सप्रेस।

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दुर्लभ अवशेष और रामसेतु की दिव्य रामशिला के दर्शन

लखनऊ/नई दिल्ली। भारत की गौरवशाली विरासत, शौर्य और आध्यात्मिक चेतना को एक साथ प्रस्तुत करने वाला भव्य आयोजन ‘सनातन राष्ट्र शंखनाद महोत्सव’ देश की राजधानी दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। ‘सेव कल्चर, सेव भारत फाउंडेशन’ द्वारा प्रस्तुत एवं सनातन संस्था के तत्वावधान में यह महोत्सव 13 से 15 दिसंबर तक भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होगा।

महोत्सव का प्रमुख आकर्षण 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के महानायक मंगल पांडे द्वारा उपयोग की गई बंदूक का प्रदर्शन है, जिसे पहली बार दिल्ली में आम जनता के लिए प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके साथ ही पानीपत के ऐतिहासिक युद्धों में प्रयुक्त तोपें, मध्यप्रदेश के राजघराने के मल्हारराव होलकर तथा क्रांतिवीर नाना पाटिल द्वारा उपयोग की गई बंदूकें और लगभग 1500 दुर्लभ ऐतिहासिक शस्त्र भी प्रदर्शनी में शामिल हैं।

सनातन संस्था के प्रवक्ता अभय वर्तक ने बताया कि यह महोत्सव भारत के पराक्रमपूर्ण इतिहास और सनातन संस्कृति की आध्यात्मिक चेतना का अद्वितीय संगम प्रस्तुत करेगा। प्रदर्शनी में छत्रपति शिवाजी महाराज के कालखंड से जुड़े 1500 से अधिक ऐतिहासिक शस्त्रों का विशाल संग्रह पहली बार एक साथ प्रदर्शित किया जा रहा है। इनमें शिवाजी महाराज द्वारा स्पर्श की गई और सरसेनापति हंबीरराव मोहिते को प्रदान की गई तलवार, ढाल, दांडपट्टा, कट्यार, बंदूकें और अन्य शस्त्र शामिल हैं।

प्रदर्शनी में महिलाओं और बालकों की सुरक्षा हेतु प्रयुक्त विशेष शस्त्र भी रखे गए हैं। बच्चों को प्रेरित करने के उद्देश्य से कुछ शस्त्र उन्हें संभालने के लिए दिए जाएंगे, जबकि तोप चलाने का लाइव प्रदर्शन भी आकर्षण का केंद्र रहेगा। यह शस्त्र प्रदर्शनी हाल नंबर–12 में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक आमजन के लिए खुली रहेगी।

महोत्सव में आध्यात्मिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक अवसर प्रदान किया जा रहा है। एक हजार वर्ष से अधिक काल से संरक्षित मूल सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दुर्लभ अवशेषों का पहली बार सार्वजनिक दर्शन कराया जाएगा। गजनी के महमूद द्वारा विध्वंस के बाद इन अवशेषों को पुजारी परिवार ने तमिलनाडु में सुरक्षित रखा था, जिन्हें अब कांची कामकोटि पीठ के आशीर्वाद से प्रदर्शित किया जा रहा है। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम द्वारा निर्मित रामसेतु की दिव्य रामशिला के भी दर्शन होंगे, जो जल में तैरने की विशेषता रखती है।

सनातन संस्था के अनुसार, इस महोत्सव का उद्देश्य राष्ट्ररक्षा, संस्कृति, शौर्य और हिंदवी स्वराज्य की चेतना को पुनः जागृत करना है। संस्था ने देशभर के नागरिकों, विशेषकर युवाओं और बच्चों से इस ऐतिहासिक और प्रेरणादायी महोत्सव में सहभागी बनने की अपील की है।

महोत्सव का सीधा प्रसारण वेबसाइट SanatanRashtraShankhnad.in पर भी देखा जा सकता है।

सब तक एक्सप्रेस

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