
सब तक एक्सप्रेस ।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को नया प्रदेश अध्यक्ष मिलने के बाद योगी सरकार के मंत्रिमंडल में फेरबदल और विस्तार की संभावनाएँ तेज हो गई हैं। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि भाजपा आगामी पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए संगठन और सरकार—दोनों स्तरों पर संतुलन साधने की रणनीति पर काम कर रही है।
सूत्रों के अनुसार, खरमास के दौरान या 31 दिसंबर से पहले योगी मंत्रिमंडल में बदलाव किया जा सकता है। मौजूदा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी के मंत्रिमंडल में शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। इसके साथ ही एक-दो राज्य मंत्रियों को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिए जाने और कुछ नए चेहरों को सरकार में स्थान मिलने की चर्चा है। संभावित फेरबदल में जातीय और क्षेत्रीय समीकरणों को विशेष रूप से ध्यान में रखा जाएगा।
भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव के बीच दिल्ली से लेकर लखनऊ तक मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि इस बार के विस्तार में भाजपा के साथ-साथ सहयोगी दलों के विधायकों को भी मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।
राजनीतिक सूत्रों का यह भी कहना है कि प्रदेश को नया उप मुख्यमंत्री मिल सकता है। इस दौड़ में साध्वी निरंजन ज्योति का नाम सामने आ रहा है। इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र और नोएडा से विधायक पंकज सिंह को भी मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की अटकलें हैं।
फिलहाल योगी सरकार में 54 मंत्री हैं, जबकि संवैधानिक रूप से 60 मंत्रियों तक की गुंजाइश है। ऐसे में लगभग छह नए मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। वहीं कुछ मौजूदा मंत्रियों को हटाए जाने की भी चर्चा है।
संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में समाजवादी पार्टी के बागी विधायकों को भी जगह मिलने की अटकलें हैं। सूत्रों के मुताबिक पूजा पाल, मनोज पांडेय और महेंद्र सिंह के नाम चर्चा में हैं। इसके साथ ही राष्ट्रीय लोकदल और अपना दल से भी एक-एक मंत्री बनाए जाने की संभावना जताई जा रही है।
हालांकि, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक संकेतों से साफ है कि भाजपा आने वाले चुनावों से पहले सरकार को और अधिक संतुलित और मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है।
सब तक एक्सप्रेस



