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अजमेर/जयपुर। अजमेर जिले के गंज थाना क्षेत्र में दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 226/2025 के बावजूद प्रार्थी को कोई ठोस राहत नहीं मिलने का आरोप सामने आया है। प्रकरण में गंज थाना पुलिस द्वारा मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाकर न्यायालय में प्रस्तुत कर दिए जाने के बाद पीड़ित पक्ष ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रार्थी गोविंद प्रसाद सैनी, सालासर बिट्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से खसरा संख्या 2334, 2335 व 2360 पर काबिज हैं, जहां उनका ईंट भट्ठा उद्योग संचालित है। आरोप है कि कुछ असामाजिक तत्वों ने भट्ठे पर कब्जा करने की नीयत से वहां रखे सामान को क्षतिग्रस्त कर दिया। तोड़फोड़ के दौरान चिमनी, बिजली का मीटर, टेलीफोन, टेबल-कुर्सी सहित अन्य सामग्री को तोड़कर ले जाने का आरोप लगाया गया है।
बताया गया कि कथित आरोपी फोर व्हीलर और जेसीबी मशीन के साथ मौके पर पहुंचे और घटना को अंजाम दिया। सूचना मिलने पर जब प्रार्थी ने गंज थाना पुलिस को अवगत कराया, तो आरोप है कि पुलिस ने मामले में प्रभावी कार्रवाई करने के बजाय समझौते की कोशिश की।
पीड़ित पक्ष का यह भी आरोप है कि घटना में शामिल कुछ आरोपी काजीपुरा क्षेत्र के एक प्रसिद्ध निजी स्कूल से जुड़े बताए जाते हैं तथा प्रॉपर्टी डीलिंग का कार्य करते हैं। प्रार्थी का कहना है कि आरोपियों की राजनीतिक पहुंच के चलते पुलिस द्वारा सख्त कार्रवाई नहीं की गई, जिससे उनके हौसले बुलंद हैं और वे क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं।
मामले में पुलिस द्वारा एफआर लगाए जाने से आहत प्रार्थी गोविंद प्रसाद सैनी ने अब राजस्थान के गृहमंत्री को पत्र लिखकर पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच और दोषियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है।
हालांकि, गंज थाना पुलिस की ओर से इन आरोपों पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। मामले को लेकर अब उच्च स्तर पर की गई शिकायत के बाद आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हैं।
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