छत्तीसगढ़

माओवादी हिंसा उन्मूलन के बाद दूरस्थ क्षेत्रों तक पहुंचेगा डिजिटल नेटवर्क

माओवादी विरोधी मुहिम में सफलता के बाद बस्तर के 400 गांवों में डिजिटल नेटवर्क का जाल बिछेगा। केंद्र सरकार ने डिजिटल भारत निधि के तहत बीएसएनएल के माध्यम …और

HighLights

  1. बस्तर के 400 गांवों में बिछेगा डिजिटल नेटवर्क
  2. बीएसएनएल लगाएगा 513 नए फोर-जी मोबाइल टावर
  3. सुरक्षा बलों को मिलेगी माओवादियों पर नजर रखने में मदद

 माओवादी विरोधी मुहिम में लगातार मिल रही सफलता और बस्तर के 400 गांवों के हिंसा से मुक्ति मिलने के बाद अब इन इलाकों में डिजिटल नेटवर्क का जाल बिछेगा। अबूझमाड़ के इस क्षेत्र में केंद्र सरकार ने डिजिटल भारत निधि के तहत में बीएसएनएल के माध्यम से 513 नए फोर-जी मोबाइल टावर लगाने की स्वीकृति दी है। अंचल में माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण के लिए खड़ा किया गया संचार तंत्र सुरक्षा बलों की सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरा है।

अधिकारियों के अनुसार क्षेत्र में स्थापित 728 मोबाइल टावरों ने बीते कुछ वर्षों में सुरक्षा एजेंसियों की कार्यक्षमता कई गुना बढ़ा दी है। अगस्त 2025 में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में रायपुर में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद पड़ोसी राज्यों के साथ रियल टाइम सूचना साझा करने की प्रणाली लागू करने का निर्णय लिया गया था। इस व्यवस्था के शुरू होने से माओवादियों की गतिविधियों पर वास्तविक समय में नजर रखी जा रही है।

समय रहते मिल पा रही सही जानकारी

परिणामस्वरूप प्रतिबंधित संगठनों की मूवमेंट की जानकारी समय रहते मिल रही है और सुरक्षा बल लगातार उन्हें अपने रडार पर बनाए हुए हैं। सुरक्षा बलों के जवान अब मोबाइल टावरों से मिलने वाले तकनीकी इनपुट का उपयोग कर माओवादियों की गतिविधियों पर नजर रखने में सक्षम हो गए हैं।

जानकारों के मुताबिक माओवादी मोबाइल फोन के इस्तेमाल से लगातार बचते हैं। उन्हें आशंका रहती है कि डिजिटल फुटप्रिंट के जरिए उनकी लोकेशन ट्रैक की जा सकती है। बावजूद इसके नेटवर्क विस्तार के बाद सुरक्षा एजेंसियां इलाके में किसी भी संदिग्ध गतिविधि या असामान्य सिग्नल पैटर्न को समय रहते पकड़ने में सफल हो रही हैं।

मुख्यमंत्री साय ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा माओवाद प्रभावित राज्यों के लिए सुरक्षा के साथ-साथ विकास को प्राथमिकता दी जा रही है। छत्तीसगढ़ सरकार भी इस विजन के अनुरूप केंद्र के साथ मिलकर राज्य के प्रत्येक नागरिक को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह तथा केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया आभार जताते हुए इस निर्णय को छत्तीसगढ़ को डिजिटल रूप से सशक्त, सुरक्षित और समावेशी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है।

दुर्गम इलाकों में भी बजेगी मोबाइल की घंटी

इन फोर-जी मोबाइल टावरों की स्थापना से सुदूर और दुर्गम इलाकों में रहने वाली जनता को पहली बार सुलभ और विश्वसनीय मोबाइल एवं इंटरनेट सेवाएं प्राप्त होंगी। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, प्रशासनिक सेवाओं और आपातकालीन संचार की सुविधा सशक्त होगी।

विशेषज्ञों का कहना है कि डिजिटल कनेक्टिविटी का यह विस्तार वित्तीय समावेशन की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा। मोबाइल नेटवर्क के सशक्त होने से बैंकिंग सेवाएं, डीबीटी, यूपीआई, बीमा, पेंशन और अन्य डिजिटल सेवाओं की पहुंच आम नागरिकों तक सहज रूप से सुनिश्चित हो सकेगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में प्रदेश सरकार माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास को एक साथ आगे बढ़ाने की रणनीति पर काम कर रही है। सरकार गठन के बाद अब तक 69 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। इन कैंपों के आसपास स्थित 403 गांवों में नौ विभागों की 18 सामुदायिक सेवाएं और 11 विभागों की 25 व्यक्तिमूलक योजनाएं पहुंचाई जा रही हैं। पहली बार इन दुर्गम इलाकों में योजनाओं की सीधी पहुंच बनी है, जिससे विकास कार्यों में तेजी आई है।

साझा प्रयासों का प्रतिफल : विष्णु देव साय

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने टावर लगाने की स्वीकृति का स्वागत करते हुए इसे माओवाद प्रभावित और दूरस्थ अंचलों में शांति, सुरक्षा और विकास के साझा प्रयासों का महत्वपूर्ण प्रतिफल बताया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय माओवादी हिंसा उन्मूलन की दिशा में चल रहे प्रभावी प्रयासों की एक मजबूत कड़ी है। सुरक्षा बलों की सतत कार्रवाई और प्रशासनिक समन्वय से जिन क्षेत्रों में स्थायित्व स्थापित हुआ है, वहां अब विकास और डिजिटल कनेक्टिविटी का विस्तार सुनिश्चित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह पहल डिजिटल इंडिया के उस मूल उद्देश्य को साकार करती है, जिसमें अंतिम छोर तक विकास पहुंचाने का संकल्प निहित है। इससे स्थानीय युवाओं को डिजिटल माध्यमों से नए अवसर मिलेंगे और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को गति मिलेगी।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!