
सब तक एक्सप्रेस।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने लंबे समय तक चले ध्यानाकर्षण आंदोलन के बाद भी कोई ठोस व सकारात्मक निर्णय न लिए जाने पर प्रदेश सरकार, शासन तथा नगर विकास विभाग के प्रति नाराज़गी जताई है। महासंघ ने पुनः पत्राचार कर 15 जनवरी 2026 तक लंबित समस्याओं के समाधान का अनुरोध किया है।
महासंघ ने अपनी सभी इकाइयों को निर्देशित किया है कि यदि समय रहते उनकी 10 सूत्रीय मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया, तो पुनः आंदोलन शुरू करने के लिए तैयार रहें। महासंघ की प्रमुख मांगों में स्थानीय निकायों के लिए अकेंद्रित सेवा नियमावली लागू करना, वर्ष 2001 तक कार्यरत संविदा, दैनिक वेतन एवं वर्कचार्ज कर्मचारियों के लिए 24 फरवरी 2016 को जारी विनियमितीकरण आदेश को प्रभावी रूप से लागू करना तथा तदर्थ/धारा 108 पर कार्यरत कर्मचारियों के विनियमितीकरण हेतु कार्मिक विभाग द्वारा 16 दिसंबर 2021 को जारी आदेश को नगर विकास विभाग द्वारा अंगीकृत कर लागू करना शामिल है।
महासंघ ने बताया कि 7 नवंबर 2025 को सचिव, नगर विकास की सहमति के बाद आंदोलन को स्थगित किया गया था, लेकिन अब तक मांगों पर कोई निर्णय नहीं लिया गया है, जिससे कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है।
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ ने एक बार फिर नगर विकास मंत्री एवं प्रमुख सचिव/सचिव, नगर विकास को पत्र भेजकर शीघ्र बैठक कर लंबित समस्याओं के समाधान की मांग की है। महासंघ ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते निर्णय नहीं लिए गए, तो वह प्रदेशव्यापी आंदोलन करने के लिए बाध्य होगा।
सब तक एक्सप्रेस



