सीतापुर: ग्रामीणों ने श्रमदान कर साफ कराई विद्युत लाइन, विभागीय उदासीनता से बिजली बहाली अधर में

लहरपुर/सीतापुर (सब तक एक्सप्रेस)। चार दिन से अंधेरे में डूबे लश्करपुर गौरिया गांव के ग्रामीणों ने आखिरकार अपनी बिजली बहाली के लिए खुद ही कमर कस ली। लहरपुर उपकेंद्र के अंतर्गत आने वाले इस क्षेत्र में चार दिन पूर्व आई आंधी में आठ विद्युत खंभे टूट गए थे, जिससे गांव में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई थी।
बिजली विभाग की निष्क्रियता से परेशान ग्रामीणों ने मंगलवार को विद्युत लाइन पर लटक रहे पेड़ों को हटाने के लिए श्रमदान किया। सुबह से शाम तक चले इस स्वैच्छिक प्रयास में ग्रामीणों ने करीब 600 मीटर लंबी लाइन को पेड़ों से मुक्त किया। लेकिन विभाग की तरफ से न तो कोई कर्मचारी मौके पर आया, न ही कोई त्वरित कार्यवाही देखने को मिली।
केवल सात खंभे भेजे, आठ की जगह कैसे कवर होगी दूरी?
ग्रामीणों ने बताया कि आठ खंभे टूटे थे, लेकिन विभाग ने मात्र सात खंभे ही भेजे हैं, जिससे विद्युत लाइन की मरम्मत अधूरी रह गई है। तार अब भी कई स्थानों पर पेड़ों से झूल रहे हैं, जिससे कभी भी दुर्घटना की आशंका बनी हुई है।
ग्रामीणों की आवाज़
गांव के उमाशंकर वर्मा, सर्वेश, विपिन, आलोक, अनुराग, संतोष, वीरेंद्र, रामकुमार, वेद प्रकाश, आशीष, ब्रजेश, राजू, गुड्डू सहित दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि बिजली न होने से विद्युत उपकरण शो-पीस बनकर रह गए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि विभाग ने समय पर न तो निरीक्षण किया और न ही मरम्मत कार्य में तत्परता दिखाई।
बिजली विभाग का जवाब
इस संबंध में लहरपुर जेई अभिनव कुमार ने बताया कि खंभे मौके पर भेजे जा चुके हैं, और बुधवार सुबह तक बिजली बहाल कर दी जाएगी।
फिलहाल गांव में अंधेरा कायम है और ग्रामीणों को बिजली बहाली का बेसब्री से इंतजार है। उनकी मेहनत के बावजूद विभागीय लापरवाही व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर रही है।
रिपोर्ट: सब तक एक्सप्रेस