
सब तक एक्सप्रेस | चित्तौड़गढ़ | रिपोर्टर: शिंभू सिंह शेखावत
चित्तौड़गढ़ जिले के निंबाहेड़ा कस्बे में राष्ट्रीय ध्वज के अपमान की खबर प्रकाशित करने पर एक पत्रकार के खिलाफ झूठे आरोपों में मामला दर्ज कर दिया गया है। इतना ही नहीं, पुलिस अधिकारी द्वारा धमकाने का मामला भी सामने आया है। पत्रकार को धमकाने के विरोध में आईएफडब्ल्यूजे (IFWJ) संगठन ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है।
क्या है मामला?
निंबाहेड़ा में एक सरकारी सेवा में कार्यरत दंपति के निजी आवास पर फटा और जीर्ण-शीर्ण हालत में राष्ट्रीय ध्वज फहराता पाया गया था। इस मामले की जानकारी पत्रकार ने प्रशासन को पहले ही दे दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर उसने इस मुद्दे को खबर के रूप में प्रकाशित कर दिया।
इस खबर के प्रकाशित होते ही दंपति ने स्थानीय पुलिस अधिकारियों से मिलीभगत कर उल्टा पत्रकार के खिलाफ ही झूठे आरोपों में परिवाद दर्ज करा दिया।
पुलिस अधिकारी की धमकी
पत्रकार ने आरोप लगाया कि निंबाहेड़ा के एएसपी (डिप्टी) बद्री लाल ने उसे कार्यालय बुलाकर धमकियां दीं और जेल भेजने की चेतावनी तक दे डाली।
“राजस्थान की पुलिस आमतौर पर गरीबों की सुनवाई नहीं करती, लेकिन इस बार बिना जांच के ही इतनी तत्परता दिखा दी!”, पत्रकार ने कहा।
पत्रकार संगठनों का विरोध
इस पूरे मामले को लेकर चित्तौड़गढ़ के पत्रकारों में आक्रोश व्याप्त है। आईएफडब्ल्यूजे (Indian Federation of Working Journalists) की चित्तौड़गढ़ इकाई ने जिला पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन सौंपा, जिसमें संबंधित अधिकारियों पर नियमानुसार सख्त कार्रवाई की मांग की गई है।
पत्रकारों की मांग
- पत्रकार के खिलाफ दर्ज फर्जी मामले की निष्पक्ष जांच हो
- पत्रकार को धमकी देने वाले पुलिस अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई हो
- राष्ट्रीय ध्वज के अपमान पर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए
यह मामला न सिर्फ अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला है, बल्कि पत्रकारों की सुरक्षा और गरिमा से भी जुड़ा है।
‘सब तक एक्सप्रेस’ पूरे मामले की निष्पक्ष जांच और पत्रकारों के अधिकारों की रक्षा की मांग करता है।