अनिल अंबानी के खिलाफ CBI ने दाखिल किया आरोपपत्र : घोटाले से जुड़े कई गंभीर आरोप शामिल
अनिल अंबानी पर सीबीआई का शिकंजा : यस बैंक घोटाले में आरोपपत्र दाखिल
नई दिल्ली, 18 सितंबर : यस बैंक घोटाले में सीबीआई ने अनिल अंबानी और अन्य के खिलाफ दो अलग-अलग आरोपपत्र दाखिल किए हैं। आरोप है कि अंबानी समूह की कंपनियों और यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर के परिवार से जुड़ी कंपनियों के बीच फर्जी लेन-देन हुए, जिससे बैंक को 2,796 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
सीबीआई का आरोप
सीबीआई के मुताबिक राणा कपूर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए यस बैंक के फंड अंबानी की कमजोर वित्तीय स्थिति वाली कंपनियों — RCFL (रिलायंस कमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड) और RHFL (रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड) — में स्थानांतरित किए। बदले में अंबानी समूह की कंपनियों ने कपूर परिवार की कंपनियों को कम ब्याज दर पर लोन और निवेश दिया।
कैसे शुरू हुआ मामला?
2022 में यस बैंक के मुख्य सतर्कता अधिकारी की शिकायत पर सीबीआई ने केस दर्ज किया था।
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आरोपपत्र भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (IPC) की धाराओं के तहत दाखिल किया गया है।
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इसमें धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश और सार्वजनिक संपत्ति के दुरुपयोग जैसे आरोप शामिल हैं।
अनिल अंबानी के अलावा राणा कपूर, बिंदू कपूर, राधा कपूर, रोशनी कपूर और कई कंपनियों के नाम भी आरोपपत्र में हैं।
ईडी की छापेमारी
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24 जुलाई : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अनिल अंबानी के रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 35 से अधिक जगहों और करीब 50 कंपनियों पर छापे मारे।
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23 अगस्त : सीबीआई ने अनिल अंबानी के घर पर छापा डाला।
पूरा मामला 3 सवाल-जवाब में
प्रश्न 1: ईडी ने अनिल अंबानी पर कार्रवाई क्यों की?
उत्तर: 2017 से 2019 के बीच यस बैंक ने रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को करीब 3,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया था। ईडी को शक है कि यह रकम शेल कंपनियों में डायवर्ट हुई और यस बैंक के अधिकारियों को रिश्वत भी दी गई।
प्रश्न 2: ईडी की जांच में क्या सामने आया?
उत्तर: ईडी का कहना है कि यह बैंकों, निवेशकों और जनता को धोखा देने की “सुनियोजित साजिश” थी। जांच में सामने आया—
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कमजोर या बिना जांच-पड़ताल वाली कंपनियों को लोन
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एक ही डायरेक्टर और पते वाली कई कंपनियां
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जरूरी दस्तावेजों की कमी
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फर्जी कंपनियों को पैसा ट्रांसफर
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पुराने कर्ज चुकाने के लिए नए कर्ज का इस्तेमाल
प्रश्न 3: सीबीआई की भूमिका क्या है?
उत्तर: सीबीआई ने यस बैंक द्वारा RCFL और RHFL को दिए गए लोन पर दो एफआईआर दर्ज की। दोनों मामलों में राणा कपूर और अंबानी समूह की कंपनियों का नाम शामिल है। साथ ही, सेबी, एनएचबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और NFRA जैसी एजेंसियों से मिली जानकारियों पर भी जांच की जा रही है।