
उदयपुर। संवाददाता।सब तक एक्सप्रेस।
ऑल राजस्थान इन सर्विस डॉक्टर्स एसोसिएशन (ARISDA) की उदयपुर मेडिकल कॉलेज शाखा ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) के नए नियमों को समर्थन देते हुए मुख्यमंत्री और प्रमुख सचिव को ज्ञापन भेजा है। अरिसदा के प्रदेश महासचिव डॉ. शंकर एच. बामनिया ने बताया कि डॉ. एल.एल. सेन के नेतृत्व में आयोजित बैठक में पचास से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया और सर्वसम्मति से सरकार एवं NMC के फैसले का समर्थन किया।
ज्ञापन में उठाए गए प्रमुख बिंदु
- मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सक शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों और NMC के नए नियमों का स्वागत।
- ग्रुप-2 डिग्रीधारी/डिप्लोमाधारी चिकित्सकों को शिक्षण पदों पर समायोजित करने से अनुभवी चिकित्सकों के ज्ञान और कौशल का लाभ मेडिकल छात्रों और मरीजों को मिलेगा।
- राजस्थान मेडिकल कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन (RMCTA) द्वारा किए जा रहे धरना-प्रदर्शन और कार्य बहिष्कार की आलोचना करते हुए कहा गया कि यह छात्रों और जनता के हितों के खिलाफ है।
- ग्रुप-2 चिकित्सकों की योग्यता पर सवाल उठाने को गलत बताया और कहा कि इन डॉक्टरों के पास वर्षों का क्लिनिकल और प्रशासनिक अनुभव है।
- कई ग्रुप-2 चिकित्सक पहले से ही मेडिकल कॉलेजों में U.T.B. के रूप में सेवाएं दे रहे हैं। यदि उन्हें स्थायी रूप से समायोजित किया जाए तो शिक्षकों की कमी का स्थायी समाधान संभव होगा।
- राज्य में वर्तमान में चिकित्सकों के तीन अलग-अलग कैडर—ग्रुप-1, ग्रुप-2 और राजमेस—से प्रशासनिक अव्यवस्था उत्पन्न हो रही है। अरिसदा ने इन्हें एकीकृत कर एक कैडर बनाने की मांग की है।
सरकार पर नहीं पड़ेगा अतिरिक्त बोझ
ज्ञापन में कहा गया है कि चूंकि ये चिकित्सक पहले से ही राज्य सरकार द्वारा चयनित स्थायी कर्मचारी हैं, इसलिए उन्हें पदोन्नत करने या समायोजित करने से सरकार पर कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं पड़ेगा।
त्वरित क्रियान्वयन की अपील
अरिसदा ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग की 30 जून 2025 की अधिसूचना में वर्णित नवीन चिकित्सा शिक्षा नियमों का शीघ्र क्रियान्वयन करने की मांग की है ताकि राज्य के मेडिकल कॉलेजों में शिक्षकों की कमी पूरी हो सके और चिकित्सा शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो।