गुजरात में एक लड़के के पेट से बाल और रिबन मिले

अहमदाबाद में ७ वर्षीय बच्चे के पेट से बाल और जूते की फीते निकाली गईं
अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने ७ वर्षीय बच्चे शुभम के पेट से बालों का एक गांठ और जूते की फीता (लेस) सफलतापूर्वक निकाला है। मध्य प्रदेश के रतलाम के रहने वाले शुभम पिछले दो महीनों से पेट दर्द, उल्टी और वजन घटने की समस्या से परेशान था।
शुरुआत में उसे मध्य प्रदेश के एक निजी अस्पताल में इलाज दिया गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में भर्ती होने के बाद, शुभम का सीटी स्कैन और एंडोस्कोपी की गई, जिससे निदान हुआ।
डॉक्टरों की टीम ने जटिल लैप्रोटॉमी शस्त्रक्रिया की और पेट से मास और फायब्रॉइड को सफलतापूर्वक हटाया। शस्त्रक्रिया के सातवें दिन की जांच में पुष्टि हुई कि पेट में कोई अवशेष नहीं बचा है।
इस बीमारी का नाम ट्राइकोबेझोअर (Trichobezoar) है।
सिविल अस्पताल के अधीक्षक और बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. राकेश जोशी के अनुसार:
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यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें बाल निगलने से पेट में गांठ बन जाती है।
ट्राइकोबेझोअर के लक्षण:
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पेट में दर्द या सूजन
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मिचली या उल्टी
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भूख न लगना
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वजन कम होना
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कब्ज़ की समस्या
अन्य हाल के मामले:
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राजस्थान के श्री गंगानगर के पास कालियान गाँव की एक महिला ने लंबे समय तक बाल निगलने की आदत से पेट में गांठ बना ली थी, जिसे शस्त्रक्रिया द्वारा हटाया गया।
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१९ जुलाई को प्रयागराज की एक युवती के पेट से ५०० ग्राम बाल निकाले गए।
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२९ जून को बिहार के मधेपुरा में एक महिला के पेट से १ किलो बाल निकाले गए, जो उल्टी और पेट में तीव्र दर्द के कारण अस्पताल में भर्ती हुई थी।