नवरात्रि

“नवरात्रि व्रत थाली आहार योजना: कम वसा और कैलोरी | वजन घटाने के लिए | उपवास के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं…”

नवरात्रि के नौ दिनों में, देवी के नौ भिन्न रूपों की पूजा की जाती है। देवी के प्रत्येक रूप से हमें अलग-अलग शक्तियाँ प्राप्त होती हैं। देवी को प्रसन्न करने के लिए अनेक लोग उपवास करते हैं। लोग सामान्यतः इस समय फल खाते हैं और सुख, शांति तथा समृद्धि की प्रार्थना करते हैं।

क्या आपने कभी सोचा है कि यह व्रत केवल आध्यात्मिक लाभ ही नहीं देता, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी एक उत्तम अवसर हो सकता है? यदि सही योजना बनाई जाए तो नवरात्रि का उपवास आपके वजन को नियंत्रित करने, पाचन तंत्र को आराम देने और शरीर को विषैले पदार्थों से मुक्त करने में सहायक हो सकता है। तथापि, अधिकांश लोग उपवास के दौरान कुछ ऐसी गलतियाँ कर देते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।

अन्न और नमक छोड़ने से ऊर्जा की कमी महसूस होने पर लोग घी और परिष्कृत तेल में तले हुए व्यंजन, मिठाई या अधिक स्टार्चयुक्त पदार्थ खा लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप वजन बढ़ना, पेट फूलना और अपच जैसी समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।

इसलिए, आज “काम की बात” में हम नवरात्रि में कम कैलोरी और कम वसायुक्त उपवास के बारे में चर्चा करेंगे। साथ ही जानेंगे:

  • उपवास के भोजन का स्वरूप कैसा होना चाहिए

  • कौन-कौन सी गलतियाँ नहीं करनी चाहिए

विशेषज्ञ: डॉ. अनु अग्रवाल, पोषण विशेषज्ञ और OneDietToday की संस्थापक


प्रश्न: नवरात्रि में कम कैलोरी और कम वसायुक्त उपवास क्यों आवश्यक है?

उत्तर: क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि त्योहारों के दौरान हम कितना अधिक भोजन करते हैं? नवरात्रि में भी यही होता है। उपवास के नाम पर लोग तले हुए व्यंजन खाते हैं, जिनमें कैलोरी अधिक होती है। परंतु विज्ञान कहता है कि उपवास शरीर को हल्का रखने का अवसर देता है। इससे इंसुलिन जैसे हार्मोन संतुलित रहते हैं, पाचन तंत्र को आराम मिलता है और सौम्य डिटॉक्स होता है। यदि अधिक तेल या शक्कर युक्त पदार्थ खाए जाएँ तो ये लाभ उलट जाते हैं। पेट सुस्त हो जाता है, अम्लता बढ़ती है और रक्त शर्करा में उतार-चढ़ाव होते हैं। केवल नौ दिनों में वजन बढ़ सकता है। इसलिए हल्का महसूस करने और अपने वजन को नियंत्रण में रखने के लिए कम कैलोरी (कम ऊर्जा) और कम वसायुक्त (कम वसा) आहार लें। दिल्ली स्थित पोषण विशेषज्ञ डॉ. अनु अग्रवाल के अनुसार, विश्वभर में डॉक्टर अधूनमधून उपवास करने की सलाह देते हैं और नवरात्रि का उपवास भी यही लाभ प्रदान करता है। यदि सही तरीके से पालन किया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए वरदान है।


प्रश्न: सात्विक भोजन क्या होता है और यह स्वास्थ्य के लिए कैसे लाभकारी है?

उत्तर: सात्विक भोजन शुद्ध, हल्का और प्राकृतिक होता है। नवरात्रि में प्याज, लहसुन, मांसाहारी और प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों से परहेज़ किया जाता है। ये नियम पुराने हैं, लेकिन वैज्ञानिक दृष्टि से उचित हैं। प्याज और लहसुन पाचन के लिए भारी होते हैं, इसलिए इन्हें टालने से पेट को आराम मिलता है। फल, मेवे, बाजरा, राजगीरा या भगर जैसे विशेष अनाज ग्लूटेन-मुक्त, प्रोटीन और खनिजों से भरपूर होते हैं। ये अधिक कैलोरी डाले बिना ऊर्जा प्रदान करते हैं। सही तरीके से पालन करने पर सात्विक आहार एक कम-कैलोरी डिटॉक्स आहार के रूप में काम करता है, जो आंतों को स्वच्छ करता और चयापचय बढ़ाता है। डॉ. अनु कहती हैं कि सात्विक भोजन मनोबल बढ़ाता है क्योंकि यह हल्का और मानसिक शांति प्रदान करता है।


प्रश्न: कम कैलोरी और कम वसायुक्त पदार्थों के लिए उपवास थाली में क्या शामिल करना चाहिए?

उत्तर: थाली बनाते समय संतुलन बनाएँ—कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, फाइबर और स्वास्थ्यवर्धक वसा का मिश्रण। अधिक तेल या शक्कर का प्रयोग न करें।

  • कार्बोहाइड्रेट: भगर (हल्का और कम कैलोरी), बकव्हीट रोटी (फाइबर से भरपूर, भूख नियंत्रित करती है), राजगीरा दलिया (प्रोटीन प्रदान करता है)

  • प्रोटीन: कम वसायुक्त पनीर, दही, बदाम और अखरोट

  • सब्जियाँ: लौकी, भोपला, शकरकंद, ककड़ी, टमाटर (फाइबर से समृद्ध, कम कैलोरी)

  • फल: सेब, पपीता, अनार, केला (प्राकृतिक शर्करा)

  • वसा: थोड़ी मात्रा में घी या तेल

संपूर्ण थाली में २-३ मौसमी फल, कुछ सब्जियाँ और प्रोटीन शामिल करें।


प्रश्न: उपवास के दौरान कैलोरी बढ़ने से बचने के लिए किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए?

उत्तर:

  • आलू के चिप्स, साबूदाने के पापड़ जैसे तले हुए व्यंजन

  • अधिक शक्कर या क्रीमी मिठाई, जैसे मखाना खीर

  • अधिक रॉक सॉल्ट (पानी रुकता है, पेट फूला रहता है)

  • अधिक आलू (स्टार्च अधिक, कैलोरी बढ़ती है)

  • पैकेज्ड या बाहरी भोजन (छिपी शक्कर या नमक)

  • अधिक चाय और कॉफी (शर्करा से कैलोरी बढ़ती है)

इसके स्थान पर हर्बल चाय लें।


प्रश्न: कम कैलोरी वाली उपवास थाली कैसी हो?

उत्तर:

कल्पना करें एक स्वादिष्ट लेकिन कम कैलोरी वाली थाली, लगभग ४५०–५०० कैलोरी की।

  • बकव्हीट या राजगीरा रोटी (कम घी के साथ)

  • एक कटोरी लौकी या भोपले की सब्जी

  • एक कटोरी ककड़ी–टमाटर सलाद

  • भूने हुए मूँगफली या कम वसायुक्त दही

  • पपीता या सेब जैसे मौसमी फल

  • एक गिलास ताक

यह थाली पौष्टिक, पेटभर और कम वसायुक्त है। इसे साबूदाना खिचड़ी जैसे विविध व्यंजनों के साथ भी बदलकर लिया जा सकता है। यह थाली प्रोटीन, फाइबर और विटामिन से संतुलित है।


प्रश्न: उपवास में वसा कम रखने के लिए कौन-सी पाक विधियाँ अपनाएँ?

उत्तर:

  • तले बिना, सब्ज़ियाँ भाप में पकाएँ, बेक करें या हल्के तले।

  • साबूदाना टिक्की कम तेल में एयर फ्राय करें।

  • कढ़ी में क्रीम की जगह ताक का प्रयोग करें।

इससे वसा ३०–४०% तक कम होती है, पर स्वाद बरकरार रहता है। घर का भोजन हमेशा सर्वोत्तम होता है।


प्रश्न: उपवास के दौरान शरीर को जल कैसे दें?

उत्तर:

उपवास में डिहाइड्रेशन से सिरदर्द या थकान हो सकती है। प्रतिदिन २–३ लीटर पानी पिएँ। नारियल पानी, नींबू पानी या ताक लें—ये इलेक्ट्रोलाइट प्रदान करते हैं। शक्कर युक्त पेय और पैकेज्ड जूस से बचें। हाइड्रेशन से विषैले पदार्थ बाहर निकलते हैं और ऊर्जा बनी रहती है।


प्रश्न: कम कैलोरी वाले उपवास के दीर्घकालीन लाभ क्या हैं?

उत्तर:

नवरात्रि का उपवास केवल नौ दिनों तक ही सीमित नहीं है, यह आदत बदलने का अवसर है। यह आपको आहार नियंत्रित करना, प्राकृतिक पदार्थ चुनना और संतुलित भोजन तैयार करना सिखाता है। दीर्घकालीन रूप से, वजन प्रबंधन आसान होता है, रक्त शर्करा संतुलित रहती है और पाचन सुधारता है। जॉन्स हॉपकिन्स न्यूरोसायंटिस्ट मार्क मॅटसन के अनुसंधान के अनुसार, उपवास शरीर को सुदृढ़ करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और पूर्वजों की तंदुरुस्ती को प्रोत्साहित करता है। इस नवरात्रि में, स्मार्ट विकल्पों के साथ स्वास्थ्य और भक्ति दोनों प्राप्त करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button