शिवसेना (यूबीटी) की ओर से स्थानीय स्तर पर मतदाता पहचान केंद्रों की स्थापना।

शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी की ओर से फर्जी मतदाताओं को रोकने के लिए ‘वोटर आइडेंटिफिकेशन सेंटर्स’, अर्थात प्रत्येक शाखा स्तर पर मतदाता पहचान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
ठाकरे ने कहा, “मतदान में धांधली और मतदाता सूची में मौजूद त्रुटियों को ध्यान में रखते हुए, हमने शाखा स्तर पर ‘वोटर आइडेंटिफिकेशन सेंटर्स’ शुरू करने का निर्णय लिया है। स्थानीय स्वशासन चुनावों के लिए मतदाता सूचियाँ जारी होने के बाद ये केंद्र कार्यरत होंगे। हमारे कार्यकर्ता प्रत्येक क्षेत्र में मतदाता सत्यापन अभियान चलाएँगे। साथ ही, मैं आम नागरिकों से भी अपील करता हूँ कि वे स्वयं अपने नाम और विवरण मतदाता सूची में जाँचें तथा अपने क्षेत्र, सोसायटी या इमारत के मतदाताओं की भी पड़ताल करें। नागरिकों को यह देखना चाहिए कि उनके घर, सोसायटी या गली में कोई अपरिचित नाम तो जोड़ा नहीं गया है।”
ठाकरे ने यह भी माँग की कि नई मतदाता पंजीकरण प्रक्रिया चुनाव घोषित होने तक जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुके युवाओं को शाखा कार्यालयों में जाकर नाम दर्ज कराना चाहिए, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कितने पात्र मतदाताओं को मतदान का अधिकार नहीं मिल पा रहा है।
उन्होंने सवाल उठाया, “सरकार ने जुलाई से मतदाता पंजीकरण क्यों रोक दिया? चुनाव से पहले ही यह प्रक्रिया बंद करने का कारण क्या है? क्या सरकार को ‘जेन-ज़ी’ (Gen Z) पीढ़ी से डर लगता है?”
इसके साथ ही, भाजपा नेता और मंत्री चंद्रकांत पाटील के उस सार्वजनिक बयान के लिए — जिसमें उन्होंने कहा था कि “शिवसेना ठाकरे की ही है” — ठाकरे ने उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “शेलार और पाटील के बयानों से स्पष्ट होता है कि भाजपा में नेताओं के प्रति हो रहे अन्याय से असंतोष बढ़ रहा है और वह अब खुलकर सामने आ रहा है। मैं चंद्रकांत पाटील का धन्यवाद करता हूँ कि उन्होंने यह स्वीकार किया कि शिवसेना ठाकरे की ही है।”



