राष्ट्रीय

चंद्रहारत पाटील बैलगाड़ी दौड़ पुरस्कार | 2 फॉर्च्यूनर, 2 थार और 150 द्विचक्री वाहन:…

कुछ महीनों पहले उद्धव ठाकरे का साथ छोड़कर शिंदे गट में शामिल हुए डबल महाराष्ट्र केसरी चंद्रहार पाटील ने अब राजनीति के साथ-साथ खेल के मैदान में भी अपनी अलग पहचान बनाई है। आगामी स्थानीय स्वराज संस्थाओं के चुनावों की पृष्ठभूमि में चंद्रहार पाटील फिर एक बार सुर्खियों में हैं।

आने वाली 9 नवंबर को तासगांव के समीप चंद्रहार पाटील के नेतृत्व में “श्रीनाथ केसरी बैलगाड़ी दौड़ प्रतियोगिता” और बैलगाड़ी शर्यत संघ का पहला अधिवेशन बड़े धूमधाम से आयोजित किया जाएगा। इस प्रतियोगिता की पुरस्कार सूची ने सभी का ध्यान आकर्षित कर लिया है। विजेताओं के लिए 2 फॉर्च्यूनर कारें, 2 थार गाड़ियाँ, 7 ट्रैक्टर और 150 दोपहिया वाहन जैसे शानदार पुरस्कार रखे गए हैं। राज्य में आज तक इतनी बड़ी और कीमती पुरस्कार राशि वाली प्रतियोगिता कभी आयोजित नहीं हुई, इसलिए यह बैलगाड़ी दौड़ पूरे महाराष्ट्र में चर्चा का विषय बन गई है।

विजेताओं के लिए शानदार पुरस्कार

इस प्रतियोगिता में तीन चरणों की सामान्य बैलगाड़ी दौड़ और पट्टा पद्धति की शर्यत आयोजित की जाएगी। पहले और दूसरे स्थान के प्रतिभागियों को चारपहिया वाहन, ट्रैक्टर और मोटरसाइकिलें पुरस्कार स्वरूप दी जाएंगी। इसके अलावा प्रोत्साहन हेतु कई दोपहिया वाहन और अन्य आकर्षक पुरस्कार भी प्रदान किए जाएंगे।
चंद्रहार पाटील ने बताया कि इस प्रतियोगिता का उद्देश्य केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि ग्रामीण खेल परंपरा, गोवंश संरक्षण और पशुपालन को बढ़ावा देना है।

राज्य का पहला बैलगाड़ी शर्यत संघ अधिवेशन

उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना की ओर से यह महाराष्ट्र का पहला बैलगाड़ी शर्यत संघ अधिवेशन 9 नवंबर को तासगांव के पास आयोजित किया जा रहा है। अधिवेशन के साथ-साथ श्रीनाथ केसरी बैलगाड़ी दौड़ और कुत्ता दौड़ प्रतियोगिता (श्वान शर्यत) का भी आयोजन किया गया है। आयोजकों का अनुमान है कि इस भव्य कार्यक्रम में चार से पाँच लाख किसान और गाड़ी मालिक शामिल होंगे।

प्रतियोगिता बनी चर्चा का विषय

राज्य में बैलगाड़ी दौड़ों पर लगी रोक हटने के बाद इस खेल को नई ऊर्जा मिली है। ऐसे में चंद्रहार पाटील के नेतृत्व में होने वाली यह प्रतियोगिता महाराष्ट्र की सबसे भव्य और आकर्षक दौड़ साबित होने की संभावना जताई जा रही है।
राजनीति, परंपरा और खेल का संगम बने इस आयोजन की चर्चा फिलहाल पूरे सांगली जिले में जोरों पर है।

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