आरटीओ विभाग की लापरवाही से सड़कों पर दौड़ रही मौत
क्षमता से अधिक बच्चों को ढो रहे ऑटो और निजी वाहन, रोजाना खतरे में मासूमों की जान

सब तक एक्सप्रेस
उमरिया ब्यूरो चीफ राहुल शीतलानी
उमरिया।
जिले में परिवहन विभाग की लापरवाही अब स्कूली बच्चों की जिंदगी पर गंभीर खतरा बन चुकी है। पाली, नौरोजाबाद, चंदिया, मानपुर और जिला मुख्यालय उमरिया में हर दिन सैकड़ों ऑटो रिक्शा व निजी वाहन क्षमता से कई गुना अधिक स्कूली बच्चों को भरकर सड़कों पर दौड़ते नजर आते हैं। लेकिन इन पर न तो किसी तरह की रोक है और न ही आरटीओ का प्रभावी नियंत्रण।
आरटीओ के दस्ते नदारद, कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित
नियमों के मुताबिक बच्चों को ले जाने वाले वाहनों में निर्धारित क्षमता, सेफ्टी गार्ड, फिटनेस, स्पीड गवर्नर और चालक की योग्यताओं की जांच अनिवार्य है। इसके बावजूद जिले में परिवहन विभाग की टीम शायद ही कभी मैदान में दिखती है। विभागीय कार्रवाई सिर्फ कागजी औपचारिकता बनकर रह गई है।
स्कूल से घर तक का सफर बना जोखिमभरा
गड्ढों, धूल और खराब सड़कों पर तेज़ रफ्तार से भागते ऑटो और वैन किसी भी दिन बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं।
मासूम बच्चे गाड़ी की किनारी पर लटकर, सीट से बाहर झुककर और गैस सिलेंडर के पास खड़े होकर सफर करने को मजबूर हैं।
अभिभावक बेपरवाह, स्कूल संचालक मौन, विभाग मूकदर्शक
अभिभावकों की लापरवाही, स्कूल संचालकों की चुप्पी और आरटीओ की निष्क्रियता के कारण जिले में ‘ओवरलोडिंग’ का खेल धड़ल्ले से चलता रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि—
“जब भी कोई बड़ा हादसा होता है तभी विभाग की नींद खुलती है, उसके बाद कुछ दिनों तक कार्रवाई होती है और फिर हालात पुराने जैसे हो जाते हैं।”
जनता की मांग – कठोर कार्रवाई हो, नियमित चेकिंग की व्यवस्था बने
क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि आरटीओ विभाग तुरंत स्कूल वाहनों की जांच अभियान शुरू करे, ओवरलोडिंग पर सख्त कार्रवाई करे और दोषियों पर कार्यवाही सुनिश्चित करे, ताकि बच्चों की जान जोखिम में न पड़े।
सब तक एक्सप्रेस आगे भी इस मुद्दे को उठाता रहेगा।




