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समता और समान अधिकार का संदेश लेकर मना 76वां संविधान दिवस समारोह

पूर्व डीआईजी वी.के. सिंह, लौटनराम निषाद व उषा सेन ने रखे विचार

सब तक एक्सप्रेस | लखनऊ

एल्डिको सिटी, आईआईएम रोड स्थित पार्क में मंगलवार को 76वां संविधान दिवस समारोह बड़ी श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन तानसेन यादव द्वारा, सपा नेत्री व चिनहट प्रमुख उषा सेन के संयोजन तथा सी.एल. राजन की अध्यक्षता में किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित पूर्व डीआईजी वी.के. सिंह ने कहा कि भारतीय संविधान विश्व का सबसे महान ग्रंथ है, जो गीता, रामायण, कुरान और बाइबिल से भी आगे मानवता, समता और न्याय का संदेश देता है।

उन्होंने कहा कि मनुस्मृति में वर्ण आधारित दंड व्यवस्था थी, जबकि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने संविधान के माध्यम से सभी नागरिकों को समान न्याय, समान अधिकार और सम्मानजनक जीवन देने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि संविधान की वजह से भारत पिछले 75 वर्षों से सशक्त लोकतंत्र बना हुआ है।

“समता का अधिकार संविधान की देन” — लौटनराम निषाद

समाजवादी पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष चौधरी लौटनराम निषाद ने कहा कि 26 नवंबर 1949 का दिन भारतीय इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज है। इसी दिन हमें एक ऐसा लिपिबद्ध कानून मिला जिसने हजारों वर्षों की सामाजिक गुलामी की बेड़ियां तोड़ीं।

उन्होंने कहा कि मनुस्मृति की वर्ण व्यवस्था में शूद्र को निम्नतम स्तर पर रखा गया था, जबकि संविधान ने सभी को समान मताधिकार और कानूनी समानता प्रदान की।
उन्होंने SIR को NRC का दूसरा रूप बताते हुए लोगों से बीएलओ के साथ मिलकर सभी नागरिकों का फॉर्म भरवाने की अपील की, ताकि कोई मताधिकार और नागरिकता से वंचित न हो।

उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस संविधान को निष्प्रभावी कर मनुवाद की नीतियों को लागू करने का प्रयास कर रही है, जिससे पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों के अधिकार प्रभावित हो सकते हैं।

“हिंदू कोड बिल ने महिलाओं को समान अधिकार दिलाए” — उषा सेन

कार्यक्रम की आयोजिका और चिनहट ब्लॉक प्रमुख उषा सेन ने कहा कि संविधान सभी नागरिकों को जाति, धर्म और लिंग के भेदभाव से ऊपर उठकर समान अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि हिंदू कोड बिल के माध्यम से बाबासाहेब अम्बेडकर ने देश की नारियों को समानता, संपत्ति और स्वतंत्रता के अधिकार दिलाए — जिसे उस समय कई पुरुष वर्चस्ववादी संगठनों ने विरोध किया था।

उन्होंने कहा कि “आज नारियां शासन, प्रशासन और प्रत्येक क्षेत्र में अग्रणी हैं — यह बाबासाहेब की दूरदर्शिता और संवैधानिक सुधारों का परिणाम है।”

अन्य वक्ताओं ने भी रखे विचार

कार्यक्रम में डॉ. अवधेश मौर्य, राजबहादुर वर्मा एडवोकेट, शिल्पी चौधरी, विजयश्री गौतम, दीपमाला निषाद, डॉ. प्यारेलाल गुप्ता, जे.पी. गौतम, मलखान सिंह यादव, अभिलक्षण कुमार, राकेश गौतम, डॉ. दिलीप यादव, लक्ष्मीनारायण गौतम, राजेंद्र रावत आदि ने संविधान की महत्ता पर प्रकाश डाला।

अंत में संविधान की उद्देशिका का सामूहिक वाचन किया गया और समानता, न्याय तथा भाईचारे के मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया गया।

सब तक एक्सप्रेस

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