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विकसित उत्तर प्रदेश 2047 विजन को लेकर राज्य स्तरीय विचार–मंथन सम्मेलन आयोजित

फ्रंटियर टेक्नोलॉजी, उद्यमिता और रोजगार सृजन पर हुई गहन चर्चा

स्टार्टअप, इनक्यूबेशन, अप्रेंटिसशिप व इंडस्ट्री–अकादमिक सहयोग को सशक्त करने पर सहमति

लखनऊ। विकसित उत्तर प्रदेश @2047 विजन डॉक्यूमेंट के निर्माण के उद्देश्य से शुक्रवार को योजना भवन, लखनऊ में राज्य स्तरीय विचार–मंथन सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन व्यावसायिक शिक्षा, कौशल विकास एवं उद्यमशीलता विभाग तथा प्राविधिक शिक्षा विभाग के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का उद्घाटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल ने दीप प्रज्वलित कर किया।

अपने संबोधन में मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश को विकसित राज्य बनाने के लिए युवाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम टेक्नोलॉजी, सेमीकंडक्टर, रिन्यूएबल एनर्जी, ग्रीन हाइड्रोजन और ड्रोन जैसे भविष्यगत क्षेत्रों में प्रशिक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य युवाओं को केवल नौकरी खोजने वाला नहीं, बल्कि रोजगार सृजनकर्ता बनाना है। इसी दिशा में आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में बाज़ार की मांग के अनुरूप नए पाठ्यक्रम लागू किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश अवस्थी ने कहा कि विकसित भारत के लक्ष्य में विकसित उत्तर प्रदेश की भूमिका केंद्रीय है और इस दिशा में किसी भी स्तर पर संसाधनों की कमी आड़े नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने मानव पूंजी और विश्वस्तरीय कौशल प्रशिक्षण को प्रदेश की सबसे बड़ी ताकत बताया।

वहीं मुख्यमंत्री के सलाहकार जे.एन. सिंह ने कहा कि आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थान विकसित उत्तर प्रदेश 2047 की नींव हैं। इनकी मान्यता और एफिलिएशन प्रक्रियाओं को सरल बनाकर युवाओं को वैश्विक तकनीकी मानकों के अनुरूप दक्ष किया जाएगा।

अपर मुख्य सचिव, प्राविधिक शिक्षा विभाग नरेन्द्र भूषण ने बताया कि पॉलिटेक्निक संस्थानों में प्रशिक्षण गुणवत्ता सुधारने के लिए एकेडमिक कैलेंडर को राष्ट्रीय स्तर पर एकरूप किया गया है। साथ ही 121 पॉलिटेक्निक संस्थानों को टीटीएल के सहयोग से इंडस्ट्री 4.0 मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। naukri.com के साथ एमओयू के माध्यम से रोजगार के नए अवसर सृजित किए जा रहे हैं।

प्रमुख सचिव डॉ. हरिओम ने कहा कि प्रदेश में 212 आईटीआई को टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से अपग्रेड किया गया है, जहां पिछले दो वर्षों में लगभग 24 हजार युवाओं को आधुनिक तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष लगभग 7 लाख प्रशिक्षार्थी आईटीआई से और 70 हजार युवा कौशल विकास मिशन के अंतर्गत प्रशिक्षित हो रहे हैं।

सम्मेलन के विभिन्न सत्रों में फ्रंटियर टेक्नोलॉजी, नवाचार, शिक्षा की गुणवत्ता, उद्यमिता संवर्द्धन और रोजगार सृजन पर विस्तार से चर्चा हुई। पैनल चर्चा में मिशन निदेशक पुलकित खरे और निदेशक प्रशिक्षण अभिषेक सिंह ने भविष्य की कौशल आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम, डिजिटल अधोसंरचना और एनईपी–एनएसक्यूएफ संरेखण पर जोर दिया।

प्रतिभागियों ने स्टार्टअप, इनक्यूबेशन, इंटर्नशिप, अप्रेंटिसशिप और इंडस्ट्री–अकादमिक सहयोग को मजबूत करने, ग्रामीण व बालिकाओं तक कौशल प्रशिक्षण पहुंचाने और स्थानीय आर्थिक सहभागिता बढ़ाने की आवश्यकता पर सहमति जताई।

सम्मेलन में विशेष सचिव श्रम कुणाल सिल्कु, प्राविधिक शिक्षा महानिदेशक सेल्वा कुमारी जे., कुलपति एकेटीयू प्रो. जे.पी. पाण्डेय, निदेशक (प्राविधिक) डी.के. सिंह, सहित प्रदेशभर के संयुक्त निदेशक, प्रधानाचार्य, उद्योग प्रतिनिधि एवं अन्य स्टेकहोल्डर बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

सब तक एक्सप्रेस

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