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नंबरों के मकड़जाल में उलझता नौरोजाबाद, युवाओं के भविष्य पर सट्टे का काला साया

उमरिया ब्यूरो चीफ – राहुल शीतलानी, सब तक एक्सप्रेस

नौरोजाबाद (उमरिया), सब तक एक्सप्रेस।
नगर नौरोजाबाद इन दिनों सट्टे के कारोबार की गिरफ्त में इस कदर उलझ गया है कि यह सिर्फ एक अवैध गतिविधि नहीं, बल्कि सामाजिक बर्बादी का कारण बनता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, सट्टा अब गली-मोहल्लों से निकलकर पूरे क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें कॉलरी कर्मचारियों से लेकर स्कूल-कॉलेज छोड़ चुके युवा तक शामिल हो चुके हैं।

📌 युवाओं में बढ़ती लत, भविष्य पर संकट

तेजी से पैसे कमाने की चाह में नौरोजाबाद के कई युवा सट्टे के दलदल में फंस चुके हैं। दिनभर मोबाइल में नंबर जोड़ना, परिणामों का इंतज़ार करना और फिर उधारी में पैसे लगाना – यह अब आम दृश्य बन गया है। छोटे-छोटे बच्चों तक को सट्टा खेलने की प्रक्रिया मालूम है, जो इस समस्या की गहराई को दर्शाता है।

📌 परिवारों में बढ़ रहा तनाव

सट्टे के कारण घरेलू जीवन पर भी बुरा असर पड़ रहा है। जब परिवार का कमाने वाला व्यक्ति रोज सट्टे में हारकर घर लौटता है, तो महिलाओं पर आर्थिक और मानसिक बोझ बढ़ता है। कई घरों में कलह और टूटते रिश्ते इसी काले कारोबार की देन हैं।

📌 कॉलरी कर्मचारी बनते जा रहे हैं ‘शिकारी’

खबर है कि इस अवैध धंधे में कुछ कॉलरी कर्मचारी भी मुख्य भूमिका निभा रहे हैं, जो युवाओं को लुभाकर इस जाल में फंसा रहे हैं। यह सिर्फ एक कानूनी अपराध नहीं, बल्कि समाज और भावी पीढ़ी के लिए खतरे की घंटी है।

📌 प्रशासन और पुलिस मौन क्यों?

स्थानीय लोगों का कहना है कि सट्टा कारोबार खुलेआम चल रहा है, लेकिन प्रशासनिक व पुलिस तंत्र की निष्क्रियता से यह फल-फूल रहा है। अगर समय रहते इस पर अंकुश नहीं लगाया गया, तो नौरोजाबाद का सामाजिक ढांचा पूरी तरह चरमरा सकता है।

क्या नौरोजाबाद को नंबरों के इस मकड़जाल से छुटकारा मिल पाएगा?
क्या प्रशासन युवाओं के भविष्य को बचाने के लिए ठोस कदम उठाएगा?

यह प्रश्न अब केवल पत्रकारों के नहीं, हर जागरूक नागरिक के मन में है।

संवाददाता — राहुल शीतलानी, सब तक एक्सप्रेस

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