स्वास्थ्य

‘कितना समझाया, पर नहीं माना’ — पति के हठ के कारण पत्नी को गंभीर यौनिक कष्ट सहना पड़ा।

एसटीआईएस (STI) से बचाव:

मुंबई में एक महिला के स्वास्थ्य को लेकर इंस्टाग्राम पर प्रकाशित वीडियो ने सोशल मीडिया में हलचल मचा दी। इस महिला की व्यथा ने कई लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। वैवाहिक जीवन में छोटी-छोटी उपेक्षाओं के कारण स्वास्थ्य कैसे खतरे में पड़ सकता है, यह इस घटना से स्पष्ट होता है।

मुंबई की एक महिला को अचानक खुजली और अस्वस्थता महसूस हुई। घबराकर उसने स्त्री रोग विशेषज्ञ से संपर्क किया। जांच के दौरान क्या खुलासा हुआ और इस घटना से हमें क्या सीख मिलती है, आइए विस्तार से जानें।


रोग कैसे होता है?

अपनी परेशानी लेकर डॉक्टर के पास पहुंची महिला से डॉक्टरों ने कुछ प्रश्न पूछे। उन्होंने महिला को उसकी पहले से मौजूद शिकायत की याद दिलाई। डॉ. शैफाली दधीची ने महिला से पूछा:
“क्या आपको पहले भी इसी तरह का सफेद, दही जैसा स्राव होता था? उस समय मैंने आपको और आपके पति दोनों को दवा दी थी।”

इस महिला के मामले में मुख्य दोष उसके पति के कट्टर दृष्टिकोण का था। वह सुरक्षा उपायों का उपयोग करने से बचते थे, जिससे संक्रमण के बीज फैल गए। डॉ. दधीची के अनुसार, “घनिष्ठ संबंध में यदि किसी एक व्यक्ति को फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण हो, तो वह आसानी से दूसरे तक पहुंच सकता है। ऐसे मामलों में पुरुषों का जिद्दी व्यवहार महिलाओं को असुरक्षित बनाता है।”

विशेषज्ञ बताते हैं कि यह घटना केवल व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि कई परिवारों में जानकारी की कमी के कारण होती है। परिणामस्वरूप, महिलाओं को अकेले ही उपचार करवाना पड़ता है, जिससे समस्या और जटिल हो जाती है।


संक्रमण कैसे होता है?

यदि शारीरिक संबंधों में सुरक्षा का अभाव हो, तो एचपीवी जैसे खतरनाक वायरल संक्रमण आसानी से फैल सकते हैं। एक जोड़ीदार संक्रमित होने पर यह तुरंत दूसरे को भी प्रभावित करता है। इससे गर्भधारण की चिंता अलग, स्वास्थ्य के गंभीर खतरे भी बढ़ जाते हैं। डॉ. शैफाली ने इसे स्पष्ट रूप से समझाया।

अन्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह संक्रमण सामान्य है, लेकिन लक्षण देर से दिखाई देने के कारण उपचार में देरी होती है। इस प्रकार सामान्य जानकारी की कमी लाखों महिलाओं को प्रभावित करती है और वैवाहिक सुख पर भी असर डालती है।


उपचार और बचाव के सरल उपाय

  • पति-पत्नी दोनों को एक साथ डॉक्टर से संपर्क कर पूर्ण उपचार करवाना चाहिए।

  • यदि एक पक्ष नकार करता है, तो गर्भनिरोधक साधनों का अनिवार्य उपयोग करना चाहिए।

  • डॉ. दधीची के अनुसार, “कंडोम जैसी साधनें केवल गर्भधारण नहीं रोकती, बल्कि फंगल, बैक्टीरियल और वायरल संक्रमण से भी सुरक्षा देती हैं।”

जोड़ों को आपस में खुलकर चर्चा करनी चाहिए। ऐसे उपायों से कई परिवार स्वास्थ्य जोखिमों से बच सकते हैं और वैवाहिक विश्वास बढ़ता है।


सरकार द्वारा सहायता और जागरूकता

सरकार विभिन्न गर्भनिरोधक साधन मुफ्त उपलब्ध कराती है। ये साधन स्वास्थ्य केंद्रों पर आसानी से मिल जाते हैं और किफायती होने के कारण सभी के लिए सुलभ हैं। डॉक्टरों के अनुसार, “मैं कितनी भी समझाइश कर दूँ, लोग नहीं सुनते, लेकिन जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।”


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

प्रश्न 1: महिला की क्या शिकायत थी और उसे क्या समस्या हुई?
उत्तर: महिला को खुजली और सफेद, दही जैसे स्राव की शिकायत थी। उसके पति द्वारा सुरक्षा साधनों का उपयोग न करने के कारण फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण हुआ, जिससे उसे गंभीर अस्वस्थता और बार-बार उपचार की आवश्यकता पड़ी।

प्रश्न 2: लैंगिक संक्रमण कैसे फैलते हैं और उनसे कैसे बचा जा सकता है?
उत्तर: घनिष्ठ संबंध में सुरक्षा न होने पर संक्रमित व्यक्ति से दूसरा व्यक्ति आसानी से प्रभावित हो सकता है। इससे बचने के लिए कंडोम जैसी गर्भनिरोधक साधनों का उपयोग करें, जो गर्भधारण के साथ-साथ संक्रमण से भी सुरक्षा देती हैं।

प्रश्न 3: उपचार और सहायता के लिए क्या किया जाए?
उत्तर: पति-पत्नी दोनों को एक साथ डॉक्टर से उपचार कराना चाहिए। यदि एक पक्ष नकार करता है, तो सुरक्षा साधनों का अनिवार्य उपयोग करें। सरकार स्वास्थ्य केंद्रों पर मुफ्त गर्भनिरोधक उपलब्ध कराती है, जिससे जागरूकता बढ़ाकर ऐसी समस्याओं को रोका जा सकता है।

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