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कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भरी हुंकार, 20 जनवरी को होगा विधानसभा घेराव

रिपोर्ट: सब तक एक्सप्रेस।

लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद उत्तर प्रदेश के आंदोलन के तीसरे चरण के तहत मंडलीय सम्मेलनों का सिलसिला जारी है। आगरा, गोरखपुर और अयोध्या के बाद रविवार को चित्रकूट मंडल का मंडलीय कर्मचारी सम्मेलन हमीरपुर में लोक निर्माण विभाग परिसर में रघुबीर प्रजापति की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। सम्मेलन में चित्रकूट, बांदा, महोबा और हमीरपुर जनपदों के विभिन्न विभागों के कर्मचारी तथा आशा बहुओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रदेश अध्यक्ष जे.एन. तिवारी ने बताया कि कर्मचारी हितों को मजबूत करने के लिए हमीरपुर लोक निर्माण विभाग में कार्यरत अतुल सिंह को मंडल अध्यक्ष मनोनीत किया गया है और उन्हें सभी जनपद शाखाओं के गठन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। तिवारी ने कहा कि कर्मचारियों की मांगों पर सरकार के शीर्ष अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं, जिसके कारण आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम मानदेय का लाभ नहीं मिल रहा है और संविदा कर्मचारियों का शोषण चरम पर है।

उन्होंने आरोप लगाया कि समाज कल्याण विभाग के संविदा शिक्षकों और खाद्य रसद विभाग के कर्मचारियों से 12 घंटे तक काम कराया जा रहा है। वेतन विसंगतियां जस की तस बनी हुई हैं और पुरानी पेंशन बहाली पर भी सरकार मौन है। आशा बहुओं के मानदेय में तीन वर्षों से कोई वृद्धि नहीं की गई जबकि उन्हें न्यूनतम 18,000 रुपये मानदेय की मांग लंबे समय से लंबित है।

तिवारी ने कहा कि रिक्त पदों के कारण कार्यरत कर्मचारियों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है। SIR ड्यूटी में लगे BLO पर कार्यभार इतना है कि कई कर्मियों ने मानसिक दबाव में आत्महत्या तक कर ली। परिषद ने आत्महत्या करने वाले सभी BLO के परिवारों को 10 लाख रुपये अनुग्रह राशि की मांग की है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए निगम गठन के आदेश दिए हैं, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी इसे धरातल पर उतरने नहीं दे रहे हैं। कर्मचारियों की मांगों पर उपेक्षा के चलते परिषद ने 4 सितंबर से आंदोलन शुरू किया है। तीसरा चरण 7 जनवरी को समाप्त होगा, जिसके बाद 20 जनवरी को विधानसभा पर विशाल धरना-प्रदर्शन और घेराव किया जाएगा। इस कार्यक्रम में 50,000 से अधिक कर्मचारी और प्रदेश में कार्यरत 2 लाख से अधिक आशा बहुएं बड़ी संख्या में शामिल होंगी।

जे.एन. तिवारी ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं अपनाया तो संयुक्त परिषद 2027 के विधानसभा चुनाव में मैदान में होगी, जिसका सीधा असर चुनाव पर पड़ेगा।

कार्यक्रम में प्रदेश महामंत्री अरुणा शुक्ला ने भी संबोधन किया और कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करने वाली सरकार में सबसे अधिक शोषण महिलाओं का ही हो रहा है।

 

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