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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मखाना विकास योजना का शुभारम्भ हो गया है। यह योजना किसानों को उच्च मूल्य वाली फसलों से जोड़कर उनकी आय बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होगी। सोमवार को प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने अपने गौतमपल्ली आवास पर आयोजित प्रेसवार्ता में इसकी औपचारिक घोषणा की।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय मखाना बोर्ड के गठन के बाद प्रथम चरण में 10 राज्यों में योजना लागू की गई है, जिनमें उत्तर प्रदेश भी शामिल है। राज्य में इसके क्रियान्वयन की जिम्मेदारी उद्यान विभाग को दी गई है।
158 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत
उद्यान मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए तैयार कार्ययोजना को केंद्र सरकार से मंजूरी मिल चुकी है। सीमित समय होने के बावजूद 158 लाख रुपये की राशि क्रियान्वयन के लिए स्वीकृत की गई है। इस राशि से निम्न गतिविधियां संचालित होंगी —
✔ तालाब निर्माण व चयन
✔ किसानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम
✔ अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन
✔ बायर-सेलर मीट
✔ मखाना पवेलियन के माध्यम से प्रचार
✔ राज्य व जनपद स्तरीय सेमिनार
✔ निर्यातकों की अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी में भागीदारी
साथ ही “सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर मखाना” की स्थापना की दिशा में भी काम शुरू किया जाएगा।
पूर्वांचल को मिलेगा सबसे अधिक लाभ
मंत्री सिंह ने बताया कि मखाना अपने औषधीय गुणों और उच्च बाजार मूल्य के कारण सुपरफूड के रूप में लोकप्रिय है। अब तक इसकी खेती मुख्यतः बिहार में होती रही, जबकि उत्तर प्रदेश की मिट्टी और जलभराव वाले क्षेत्र मखाना उत्पादन के लिए अत्यंत उपयुक्त हैं।
कुशीनगर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, बलिया, महाराजगंज, वाराणसी और बस्ती को इस परियोजना से विशेष लाभ मिलेगा। जहां सिंघाड़े की खेती हो सकती है, वहां मखाना उत्पादन भी पूरी तरह संभव है। आने वाले वर्ष में विभाग रोपण सामग्री, प्रसंस्करण और मूल्य संवर्धन गतिविधियों को बड़े स्तर पर विस्तार देगा।
आलू निकासी भी 100% के करीब
प्रेसवार्ता के दौरान मंत्री सिंह ने आलू निकासी पर भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि विभाग पूरी पारदर्शिता के साथ कार्य कर रहा है —
➡️ वर्तमान निकासी दर 99.35%
➡️ पिछले वर्ष 99.31% थी
➡️ 15 दिसंबर तक 100% निकासी की संभावना
उन्होंने कहा कि प्रदेश में आलू से संबंधित किसी प्रकार की समस्या नहीं है और विपक्ष द्वारा फैलाया जा रहा भ्रम बेबुनियाद है। हर जिले की निकासी का विस्तृत विवरण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि किसानों की उपज का कोई दुरुपयोग न हो।
उद्यान मंत्री ने कहा कि मखाना विकास योजना उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।



