स्वास्थ्य

“बियर की मियाद खत्म, सेहत पर संकट शुरू”

आज के दौर में बियर पीना एक “फैशन” और “आधुनिकता” की पहचान बन चुका है। समाज में ऐसे लोगों की कमी नहीं जो बियर को शराब न मानकर एक सामान्य पेय पदार्थ समझने की गलती करते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि बियर शराब का ही एक प्रकार है और इसका सेवन किसी भी रूप में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हाल ही में सामने आए एक मामले ने यह साबित कर दिया कि न केवल बियर पीना नुकसानदेह है, बल्कि उसकी एक्सपायरी डेट पार कर चुकी बियर तो ज़हर साबित हो सकती है।

महाराष्ट्र के कल्याण क्षेत्र में एक युवक ने बियर शॉप से बियर खरीदी और उसे पीने के बाद उसकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। उसे उल्टी, दस्त और बेचैनी जैसी गंभीर शिकायतें हुईं। हालत इतनी खराब हो गई कि उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। जब परिवारवालों ने बियर की बोतल देखी तो पाया कि उसकी एक्सपायरी डेट सितंबर में ही खत्म हो चुकी थी। यानी युवक ने अनजाने में एक्सपायर्ड बियर पी ली थी, जिसने उसकी जान तक खतरे में डाल दी।

इस घटना के बाद जब शिकायत दर्ज की गई, तो उत्पादन शुल्क विभाग ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और संबंधित बियर शॉप पर छापा मारा। जांच में जो तथ्य सामने आए, वे बेहद चौंकाने वाले थे — कई बोतलें एक्सपायर्ड थीं, फिर भी उन्हें खुलेआम ग्राहकों को बेचा जा रहा था। इससे साफ पता चलता है कि कुछ दुकानदार सिर्फ मुनाफे के लालच में लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने से भी नहीं हिचकिचाते। विभाग ने दुकान मालिक के खिलाफ सख्त कदम उठाए, लेकिन सवाल यह है कि क्या केवल एक दुकान पर कार्रवाई करने से समस्या खत्म हो जाएगी?

लोगों में यह गलत धारणा आम है कि “बंद बोतल में रखी बियर सालों तक खराब नहीं होती।” लेकिन यह सोच बेहद खतरनाक है। विशेषज्ञों के अनुसार, बियर की मियाद (expiry date) उत्पादन की तारीख से केवल छह महीने तक होती है। इसके बाद उसमें रासायनिक परिवर्तन (chemical reaction) शुरू हो जाते हैं, जो उसे पीने योग्य नहीं रहने देते। ऐसी बियर में उपस्थित तत्व शरीर के लिए हानिकारक विष में बदल जाते हैं। यह पेट में संक्रमण, उल्टी-दस्त, फूड पॉइजनिंग जैसी परेशानियों का कारण बन सकते हैं। लंबे समय तक ऐसे पदार्थ का सेवन करने से लिवर, किडनी और पाचन तंत्र को गंभीर नुकसान हो सकता है।

दुर्भाग्य की बात यह है कि कुछ “स्वयंभू बियर प्रेमी” लोग बियर को स्वास्थ्यवर्धक पेय के रूप में प्रचारित करते रहते हैं। वे कहते हैं कि बियर में विटामिन बी या अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर के लिए अच्छे हैं। लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है। बियर में मौजूद अल्कोहल न केवल लत लगाता है, बल्कि शरीर की प्राकृतिक प्रक्रिया को भी बिगाड़ता है। इसके लगातार सेवन से मानसिक संतुलन, यकृत (लिवर) की कार्यक्षमता और नींद की गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव पड़ता है।

कल्याण की घटना ने यह भी उजागर किया है कि कई उपभोक्ता बिना लेबल पढ़े ही पेय पदार्थ खरीद लेते हैं। अधिकांश लोग यह जांचने की जहमत तक नहीं उठाते कि बोतल पर दी गई एक्सपायरी डेट कब खत्म हो रही है। इसी लापरवाही का परिणाम कई बार गंभीर बीमारियों या अस्पताल तक पहुंचने के रूप में सामने आता है। यह उपभोक्ताओं की जागरूकता की कमी को दर्शाता है।

सरकार और प्रशासन को चाहिए कि ऐसी दुकानों पर कड़ी निगरानी रखी जाए जो एक्सपायर्ड वस्तुएं बेचने का साहस करती हैं। वहीं उपभोक्ताओं को भी सतर्क रहना चाहिए और बियर जैसी हानिकारक चीजों से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। बियर चाहे नई हो या पुरानी, वह शरीर के लिए ज़हर से कम नहीं। और अगर उसकी मियाद बीत चुकी हो, तो वह ज़हर का भी ज़हर बन जाती है।

अंत में यही कहा जा सकता है कि बियर जैसी नशे की वस्तुएं आधुनिकता का प्रतीक नहीं, बल्कि विनाश की ओर पहला कदम हैं। एक्सपायरी डेट पार कर चुकी बियर का सेवन जीवन के साथ खिलवाड़ है। इसलिए यदि आप अपनी और अपने परिवार की सेहत की चिंता करते हैं, तो बियर से दूर रहें — क्योंकि हर घूंट में छिपा है बीमारी और मौत का खतरा।

संदेश स्पष्ट है — “रहिए सतर्क, रहिए सुरक्षित, और एक्सपायर्ड बियर से कोसों दूर रहिए।”

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