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विजय की जानबूझकर देरी कारण मची भगदड़, करूर हादसे पर तमिलनाडु सरकार ने SC में और क्या कहा?

तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत टीवीके पार्टी और विजय की लापरवाही से हुई। विजय ने जानबूझकर कार्यक्रम में देर …और पढ़ें

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 तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि करूर भगदड़ में 41 लोगों की मौत टीवीके पार्टी के आयोजकों और कार्यकर्ताओं के लापरवाही के कारण हुई।

राज्य सरकार ने शीर्ष न्यायालय में दायर हलफनामे में कहा कि विजय ने निर्धारित स्थल पर पहुंचने में जानबूझकर लगभग सात घंटे की देरी की ताकि कार्यक्रम स्थल पर अधिक भीड़ इकट्ठा हो सके।

सात घंटे देरी से कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे विजय

राज्य सरकार ने कहा कि टीवीके पार्टी के नेता विजय सुबह 8.40 बजे चेन्नई से हवाई मार्ग से तिरुचिरापल्ली के लिए रवाना हुए और लगभग 9.25 बजे वहां पहुंचे। इसके बाद वे एक निर्धारित कार्यक्रम में शामिल होने के लिए नमक्कल गए और उसके बाद करूर के लिए रवाना हुए, जिसके कारण करूर में कार्यक्रम स्थल पर उनके पहुंचने में लगभग सात घंटे की देरी हुई।

यह कार्यक्रम स्थल पर अधिक भीड़ एकत्र करने के लिए उनके द्वारा जानबूझकर की गई देरी को दर्शाता है। राज्य सरकार ने अपने कदमों का बचाव करते हुए कहा कि करूर जिला पुलिस ने 27 सितंबर को सुबह 10 बजे से ही जवानों को तैनात करना शुरू कर दिया था। हालांकि, एक बेहद गैरजिम्मेदाराना और भ्रामक कृत्य में टीवीके के आधिकारिक एक्स हैंडल से घोषणा की गई कि विजय दोपहर 12 बजे पहुंचेंगे।

सुबह से ही जुटने लगे थे समर्थक

तमिलनाडु सरकार ने कहा कि टीवीके के राज्य महासचिव ने उसी दिन एक प्रेस बयान के माध्यम से कार्यक्रम स्थल पर समय से पहले लोगों को इकट्ठा होने के लिए उकसाया था। उसने कहा कि इन अनधिकृत और भ्रामक प्रचार के परिणामस्वरूप, हजारों समर्थक सुबह 9.30 बजे ही इकट्ठा होने लगे, जिससे कार्यक्रम शुरू होने से कई घंटे पहले ही भारी भीड़ जमा हो गई, वाहनों की भीड़ लग गई और लोग बेचैन हो गए।

इसके साथ ही तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया है कि वह 13 अक्टूबर के अपने आदेश को वापस ले, जिसमें करूर भगदड़ की सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था। इसके साथ ही, मद्रास हाई कोर्ट द्वारा गठित एसआइटी द्वारा जांच की अनुमति दी जाए।

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