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शिक्षकों को टीईटी से छूट देने की माँग तेज, डीएम को सौंपा ज्ञापन

वरिष्ठ संवाददाता: राम अनुज धर द्विवेदी
सब तक एक्सप्रेस

सोनभद्र। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के आवाहन पर सोमवार को शिक्षकों ने जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। संगठन ने उच्चतम न्यायालय के 1 सितम्बर के आदेश पर गहरी आपत्ति जताई, जिसमें सभी सेवारत शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) को अनिवार्य कर दिया गया है। शिक्षकों का कहना है कि यह निर्णय उनकी सेवा-सुरक्षा और आजीविका के लिए गंभीर संकट उत्पन्न करेगा।

मण्डल अध्यक्ष अखिलेश वत्स और जिलाध्यक्ष अशोक कुमार त्रिपाठी ने कहा कि वैध नियमों के तहत नियुक्त अनुभवी शिक्षकों को अब सेवा समाप्ति और आजीविका संकट का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने सरकार से मांग की कि आवश्यक नीतिगत और विधायी कदम उठाकर शिक्षकों की सेवा और गरिमा को सुरक्षित किया जाए।

जिला महामंत्री इंदु प्रकाश सिंह, गणेश पांडेय, रवि भूषण सिंह व धीरेन्द्र पति त्रिपाठी ने कहा कि जिन शिक्षकों को पूर्व में टीईटी से छूट दी गई थी, उन्हें फिर से परीक्षा के दायरे में लाना अन्यायपूर्ण है। अखिलेश गुंजन ने बताया कि इस निर्णय से करीब 20 लाख शिक्षक प्रभावित होंगे।

रविन्द्र चौधरी ने कहा कि न्यायालय को अपने निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए। जय प्रकाश राय और अभिषेक मिश्र ने स्पष्ट किया कि जब तक समाधान नहीं होता, निर्णायक आंदोलन जारी रहेगा। राज मौर्य ने कहा कि ऐसे फैसले से शिक्षक समाज में असंतोष फैल रहा है। वकील अहमद और रविन्द्र बहादुर सिंह ने भी शिक्षकों की सेवा-सुरक्षा की गारंटी की मांग की।

महासंघ के नेता दिनेश दुबे ने घोषणा की कि समस्या का समाधान होने तक संघर्ष जारी रहेगा। इस अवसर पर सौरभ कार्तिकेय, रविकांत मौर्य, राजेश वैश, कमलेश विश्वकर्मा, अरूणेश पांडेय, ममता पाण्डेय, मेघा सौनकिया, संजय सिंह, संजय मिश्रा, विजयानंद समेत बड़ी संख्या में शिक्षक मौजूद रहे।

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