
विशेष संवाददाता — सब तक एक्सप्रेस न्यूज, लखनऊ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को राजधानी लखनऊ के डालीबाग स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल आवासीय योजना का लोकार्पण किया। यह वही जमीन है जो कभी माफिया मुख्तार अंसारी के कब्जे में थी। लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा यहां 72 दुर्बल आय वर्ग के परिवारों के लिए आवास तैयार किए गए हैं।
कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद एवं पूर्व डीजीपी बृजलाल ने मंच से ऐसी भयावह घटनाएं सुनाईं जिनसे पूरा सभागार सन्न रह गया। उन्होंने कहा कि “सपा सरकार के संरक्षण में अपराधियों ने समानांतर सरकार चला रखी थी। मुख्तार ने कश्मीर से लाइट मशीन गन मंगाई थी, और कृष्णानंद राय की हत्या में 600 गोलियां चलाई गई थीं, जिनमें से 67 गोलियां उन्हें लगीं। लेकिन उस वक्त किसी ने आवाज नहीं उठाई।”
पूर्व डीजीपी ने बताया कि मऊ दंगों के दौरान मुख्तार खुलेआम राइफल लेकर सड़कों पर घूमता था और तत्कालीन सरकार मूकदर्शक बनी रहती थी। उन्होंने कहा कि “एक समय ऐसा था जब डीजीपी कार्यालय के सामने तक माफियाओं का राज चलता था। बड़े अधिकारी भी मुख्तार के घर जाकर सलाम करते थे।”
बृजलाल ने कहा कि वर्ष 2005 में विधायक कृष्णानंद राय की हत्या की साजिश के पीछे मुख्तार का हाथ था। “जब मैं आईजी कानून व्यवस्था था, तब हमारे डीएसपी शैलेंद्र प्रताप सिंह ने मुख्तार की मशीन गन बरामद की थी, लेकिन सत्ता के दबाव में उन्हें इतना प्रताड़ित किया गया कि इस्तीफा देना पड़ा,” उन्होंने बताया।
पूर्व डीजीपी ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अब प्रदेश में माफियागिरी समाप्त हो चुकी है। “कुछ माफिया मारे जा चुके हैं, कुछ जेल में हैं और कुछ अब माला जप रहे हैं। आज उत्तर प्रदेश में कानून का राज है, इसलिए निवेशक भरोसा कर रहे हैं,” उन्होंने कहा।
बृजलाल ने कहा कि “कभी जहां माफियाओं के गैंग का अड्डा था, आज वहीं 72 गरीब परिवारों के सपनों का घर बन चुका है। यह बदलाव योगी सरकार की दृढ़ इच्छाशक्ति और ईमानदार शासन का परिणाम है।”
उन्होंने कहा कि जब कानून व्यवस्था मजबूत होती है, तभी विकास संभव है — और योगी सरकार ने यूपी को अपराध से मुक्त कर निवेश, विकास और सुशासन का प्रतीक बना दिया है।



